खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने कहा कि इस हमले को किसी एक शख्स ने अंजाम नहीं दिया होगा. इसमें एक पूरी टीम शामिल होगी.
नई दिल्लीः भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले जैसी घटनाएं बिना सुरक्षा चूक के नहीं हो सकती हैं.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूद ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मुझे नहीं पता असल में यह हमला कैसे हुआ लेकिन ऐसी घटनाएं सुरक्षा में बड़ी चूक के बिना नहीं हो सकती हैं.’
Pulwama kind of incident doesn’t take place without security lapse somewhere: Former RAW chief Vikram Sood
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— ANI Digital (@ani_digital) February 17, 2019
रॉ के पूर्व प्रमुख ने कहा, ‘यकीनन इस घटना को अंजाम देने में एक से ज्यादा लोग शामिल थे. इसमें एक पूरी टीम शामिल थी, कोई विस्फोटक लाया होगा, किसी ने कार का इंतजाम किया होगा. उन्हें सीआरपीएफ गाड़ियों के आवाजाही की पूरी जानकारी थी.’
गौरतलब है कि 14 फरवरी को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 2500 से अधिक कर्मचारी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे. श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर घात लगाकर यह आत्मघाती हमला किया गया.
देश के शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ शनिवार को दिल्ली में गुप्त बैठक की. इस दौरान हमले में पाकिस्तान की भागीदारी पर उसे डोजियर सौंपने की तैयारी की गई.
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को दिया मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी वापस ले लिया. राजनयिक मोर्चे पर भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को तब तक अलग-थलग करने को कहा है, जब तक वह आतंकवादियों को अपनी जमीं पर पनाह देना बंद न कर दे.
भारत द्वारा अन्य विकल्पों के इस्तेमाल करने के बारे में पूछने पर विक्रम सूद ने कहा, ‘यह कोई बॉक्सिंग मैच नहीं है. प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि समय और स्थान का चुनाव सुरक्षाबल करेंगे. यह आज या कल में नही होगा.’
मालूम हो कि भारतीय सेना ने सितंबर 2016 में उरी हमले के बाद एलओसी के पार पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
एक सूत्र ने एनडीटीवी को बताया कि भारत ने चीन, खाड़ी देशों, जापान और यूरोपीय देशों सहित संयुक्त राष्ट्र के पी5 देशों के दूतों के साथ बैठक करनी शुरू कर दी है. इस दौरान उन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान की भूमिका के बारे में जानकारी दी जा रही है. पी5 देशों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन हैं.