पुलवामा हमला: देहरादून के दो संस्थानों ने कहा, अगले सत्र से कश्मीरियों को दाखिला नहीं देंगे

देहरादून के बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान और अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने पत्र जारी कर कहा कि वे अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र का एडमिशन नहीं करेंगे.

देहरादून के बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएफआईटी) (फोटो: फेसबुक)

देहरादून के बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान और अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने पत्र जारी कर कहा कि वे अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र का एडमिशन नहीं करेंगे.

देहरादून के बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएफआईटी) (फोटो: फेसबुक)
देहरादून का बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान. (फोटो: फेसबुक)

देहरादून: पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफ़िले पर हमले के बाद देश और खासतौर पर देहरादून में कई कश्मीरियों को निशाना बनाया गया. अब देहरादून के दो शिक्षण संस्थान का कहना है कि वे अगले शैक्षणिक सत्र में कश्मीरी छात्रों को दाखिला नहीं लेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, देहरादून स्थित डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र संघ के साथ एबीवीपी, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सदस्यों ने शुक्रवार को कॉलेजों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएफआईटी) के प्रिंसिपल डॉ असलम सिद्दीकी ने छात्र संघ को पत्र लिखकर कहा है कि वे सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि अगर कोई भी कश्मीरी छात्र राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे तत्काल संस्थान से निकाल दिया जाएगा.

डॉ असलम ने पत्र ने आगे कहा, ‘नए सत्र में किसी भी कश्मीरी छात्र को दाखिला नहीं दिया जाएगा.’

बीएफआईटी के प्रिंसिपल ने बताया कि शुक्रवार को एबीवीपी, विहिप और बजरंग दल के 400-500 लोगों ने दोपहर एक बजे से पांच बजे तक प्रदर्शन किया. वे मांग कर रहे थे कि बीएफआईटी में जितने भी कश्मीरी छात्र हैं, उन्हें संस्थान से बाहर कर दिया जाए.

उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने उन लोगों को समझाया कि ऐसे बीच में किसी छात्र को बाहर कर देंगे, तो उनका करिअर खराब हो जायेगा. तब मैंने उन्हें लिखकर दिया कि हम अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र को दाखिला नहीं देंगे.’

डॉ असलम ने बताया कि लगभग 250 कश्मीरी छात्र बीएफआईटी में पढ़ रहे हैं.

डीएवी छात्र संघ को देहरादून स्थित अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक एसके चौहान द्वारा एक पत्र में भी वही लिखा है जो बीएफआईटी के प्रिंसिपल ने लिखा है.

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए चौहान ने कहा, ‘मैंने लिखित में दिया है कि हम अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र को दाख़िला नहीं देंगे. हालांकि, अब तक, केवल दो संस्थानों ने कहा है कि वे अगले सत्र में किसी भी कश्मीरी छात्र को प्रवेश नहीं देंगे. यदि राज्य में सभी संस्थान इसका अनुसरण करते हैं तो ही हमारा संस्थान भी इसका अनुसरण करेगा.’

उन्होंने कहा कि सभी निर्णय उच्च अधिकारियों के परामर्श से लिए गए, जिसमें संस्थान के अध्यक्ष अनिल सैनी भी शामिल हैं.

शुक्रवार को हिंदूवादी संगठन के लगभग 300 लोगों द्वारा अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के बाहर प्रदर्शन किया गया, तब चौहान ने एक अलग पत्र जारी कर कहा कि वे अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र को दाख़िला नहीं देंगे.

अनिल सैनी ने कहा, ‘हमने कश्मीरी छात्रों को संस्थान में (दक्षिणपंथी समूहों से) सुरक्षित रखने का फैसला लिया है. इसके अलावा, हम कश्मीरी छात्रों को प्रवेश देने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जो भी आदेश जारी किए जाएंगे, उनका पालन करेंगे.’

एबीवीपी के सदस्य और डीएवी छात्र संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा, ‘हम सभी संस्थानों से संपर्क नहीं कर पाए हैं, लेकिन हम ऐसा करेंगे और सभी संस्थान से कहेंगे कि वे किसी भी नए कश्मीरी छात्र को नहीं लेंगे.’

देहरादून में बजरंग दल के नेता विकास वर्मा ने कहा, ‘हम उत्तराखंड में एक भी कश्मीरी मुस्लिम छात्र नहीं चाहते हैं क्योंकि वे देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं.’

देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने कहा, ‘पुलिस कानून व्यवस्था को बनाए रखेगी.’

कश्मीरी छात्र अस्थायी रूप से शहर छोड़ रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा, ‘उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. कानून के उल्लंघन करने पर किसी भी छात्र, चाहे कश्मीरी या गैर-कश्मीरी हो उन पर कार्रवाई की जाएगी.’