पुलिस ने बताया कि स्थानीय भाजपा नेता सुप्रभात बटब्याल को शनिवार की रात हिरासत में लिया गया था. बटब्याल के अलावा इस मामले में उसके दो अन्य सहयोगियों को भी गिरफ़्तार किया गया है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक स्थानीय भाजपा नेता सुप्रभात बटब्याल को अपनी बेटी के अपहरण के सिलसिले में रविवार को गिरफ़्तार किया गया. इस मामले में दो अन्य लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि बटब्याल की बेटी को गुरूवार को बंदूक का डर दिखाकर अगवा कर लिया गया था. उसे उत्तर दिनाजपुर जिले से छुड़ाया गया.
अधिकारी ने बताया कि उत्तर दिनाजपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में बीरभूम की एक पुलिस टीम ने 22 साल की युवती को रविवार की सुबह दालखोला रेलवे स्टेशन इलाके से बरामद किया.
उन्होंने कहा कि बटब्याल और उनके दो सहयोगियों को उस वक्त गिरफ़्तार किया गया जब शुरुआती जांच में संकेत मिले कि अपहरण में उनकी भूमिका है.
बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया, ‘हमने आज सुबह दालखोला से लड़की को छुड़ाया. वह ठीक है और हम यह पता लगाने के लिए उससे बात कर रहे हैं कि असल में हुआ क्या था. हमने लड़की के पिता को भी गिरफ़्तार कर लिया है, क्योंकि हमें लगता है कि उसने अपहरण में अहम भूमिका निभाई है.’
अपहरण के पीछे की मंशा के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, ‘इसके दो पहलू हैं. एक तो पारिवारिक समस्या है और दूसरा यह भी है कि राजनीतिक फायदा लेना इसका मकसद रहा हो. हम मामले की जांच कर रहे हैं. हम तीनों से पूछताछ कर रहे हैं.’
जिला पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि करीब पांच महीने पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बटब्याल को शनिवार की रात हिरासत में लिया गया था. उससे पूछताछ के बाद पुलिस को उसकी बेटी के ठिकाने के बारे में पता चला.
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले बटब्याल माकपा की जिला कमेटी का सदस्य था. उसकी बेटी के अपहरण के बाद लाभपुर में तनाव की स्थिति बन गई थी. प्रदर्शनकारियों ने तीन दिन से सूरी-कटवा रोड जाम कर रखा था.
शनिवार को एक भीड़ ने तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक मनिरुल इस्लाम की गाड़ी पर हमला किया और उन्हें खदेड़ दिया, जिसकी वजह से उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में शरण लेनी पड़ी. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा.
भाजपा के जिला नेतृत्व ने आरोप लगाया था कि इस अपहरण के पीछे ‘तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों’ का हाथ है.
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, बीरभूम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तन्मय सरकार ने कहा, ‘साफ तौर पर यह अपहरण का मामला नहीं था. यह सब एक नाटक था. हमने दालखोला से लड़की को छुड़ा लिया. हमने लड़की के पिता के साथ उसके दो अन्य सहयोगियों को गिरफ़्तार कर लिया है. अपहरण का यह सारा नाटक करने से कुछ दिन पहले योजना को अंतिम रूप देने के लिए दोनों सहयोगियों ने भाजपा नेता से मुलाकात की थी.’
बटब्याल के दोनों सहयोगियों के नाम राजू सरकार और दीपांकर मोंडल है.
सरकार ने कहा, ‘एक मामले में कुछ समय से पुलिस बटब्याल की तलाश कर रही थी. अभी तक गिरफ़्तार किए गए लोगों से मिली जानकारी और उसकी बेटी से सवाल करने के बाद हमारा मानना है कि यह अपहरण पुलिस पर दबाव डालने के लिए किया गया ताकि पुलिस बटब्याल की तलाश बंद कर दे.
वहीं, टीएमसी के बीरभूम जिला समिति के अध्यक्ष अनुब्रत मोंडल ने रविवार को आरोप लगाया कि इस साजिश में इस्लाम भी शामिल हैं. मोंडल ने कहा, ‘छुड़ाए जाने के बाद महिला ने कहा कि उसके पिता और इस्लाम दोनों उसकी अपहरण की साजिश में शामिल थे. वे (इस्लाम) हमारी पार्टी के विधायक हो सकते हैं लेकिन वे कोई ‘लाट-साहब’ नहीं हैं और मैं सच कहूंगा. इस साजिश में इस्लाम भी शामिल थे.
भाजपा के बीरभूम जिला अध्यक्ष रामकृष्ण रॉय ने कहा कि वे घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहेंगे.
इससे पहले, मध्य प्रदेश में रतलाम ज़िले के कमेड़ गांव में 23 जनवरी को 36 वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार ने 20 लाख रुपये की बीमे की रकम पाने के लिए अपने कर्मचारी की हत्या कर दी थी और ख़ुद को मृतक घोषित कर दिया था. फिलहाल हिम्मत पाटीदार फ़रार है पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
इस मामले के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की काफी किरकिरी हुई थी क्योंकि इस मामले को लेकर प्रदेश में नई-नई बनी कांग्रेस सरकार पर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे.
हिम्मत पाटीदार की कथित हत्या पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘रतलाम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक श्री हिम्मत पाटीदार को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उनकी हत्या की खबर से मन व्यथित है. सरकार से उनके हत्यारों को शीघ्र पकड़ने की मांग करता हूं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)