पुलवामा हमला: हिंदुत्ववादी संगठन के दबाव में देहरादून के कॉलेज ने कश्मीरी डीन को निलंबित किया

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले के बाद देहरादून में एबीवीपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों की मांग पर दो कॉलेजों ने अगले सत्र से कश्मीरियों को दाख़िला न देने की बात कही है.

/
अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (फोटो: फेसबुक प्रोफाइल)

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले के बाद देहरादून में एबीवीपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों की मांग पर दो कॉलेजों ने अगले सत्र से कश्मीरियों को दाख़िला न देने की बात कही है.

अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (फोटो: फेसबुक प्रोफाइल)
अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी. (फोटो: फेसबुक प्रोफाइल)

देहरादून: जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ जवानों के काफ़िले पर हमले के बाद देश के कई जगहों से कश्मीरियों को प्रताड़ित करने के मामले सामने आ रहे हैं. इसी मामले को लेकर एबीवीपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों की मांग पर उत्तराखंड के देहरादून में एक शिक्षण संस्थान ने अपने एक डीन को निलंबित कर दिया.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, देहरादून स्थित अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में 27 वर्षीय डीन, आबिद मजीद कुचाय को भीड़ की मांग पर निलंबित कर दिया गया है.

पुलवामा हमले को लेकर बीते शनिवार को एबीवीपी, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने प्रदर्शन किया था और शिक्षण संस्थानों से मांग की थी कि वे कश्मीरी छात्रों को संस्थान से निकाल दें, जिसके बाद बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान और अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने पत्र जारी कर कहा था कि वे अगले सत्र से किसी भी कश्मीरी छात्र को दाख़िला नहीं देंगे.

आबिद ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘कॉलेज और कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए, मैंने कॉलेज प्रशासन से कहा था कि वो मुझे निलंबित कर दें.’ आबिद कश्मीर स्थित कुलगाम जिले के रहने वाले हैं.

संपर्क किए जाने पर अल्पाइन कॉलेज के चेयरमैन अनिल सैनी ने कहा, ‘भीड़ इतनी आक्रामक थी कि हमें उनकी मांगों को मानना पड़ा.’ निलंबन पत्र में केवल लिखा है कि आबिद को तत्काल प्रभाव से अपने कर्तव्यों से मुक्त किया जाता है.

सैनी आगे ने कहा, ‘हमने निलंबन के पीछे कोई कारण नहीं दिया. निलंबन पत्र में कोई संख्या भी नहीं है जो होना चाहिए. असल में पत्र का कोई कानूनी मूल्य नहीं है लेकिन हमें भीड़ के कारण निलंबन पत्र जारी करना पड़ा. हमें अपने छात्रों को सुरक्षित रखने के लिए जो कुछ भी करने की आवश्यकता थी, वह हमने किया.’

सैनी कहते हैं कि आबिद का किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल होने का कोई इतिहास नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं यह कहने में सक्षम नहीं हूं कि क्या हम उन्हें संस्थान में वापस ला पाएंगे. अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम उन्हें फिर से हमारे साथ जुड़ने के लिए कहेंगे.’

अल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में लगभग 300 कश्मीरी छात्र हैं.

गौरतलब है कि देहरादून के बाबा फरीद प्रौद्योगिकी संस्थान ने भी हिंदुत्ववादी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद पत्र जारी कर कहा है कि वे अगले सत्र से कश्मीरियों को दाख़िला नहीं देंगे. ये संगठन तुरंत सभी कश्मीरी छात्रों को बाहर करने की मांग कर रहे थे.

देहरादून में बजरंग दल के नेता विकास वर्मा ने कहा, ‘हम उत्तराखंड में एक भी कश्मीरी मुस्लिम छात्र नहीं चाहते हैं क्योंकि वे देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं.’

देहरादून में लगभग 3000 कश्मीरी छात्र हैं. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा था, ‘उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. कानून के उल्लंघन करने पर किसी भी छात्र, चाहे कश्मीरी या गैर-कश्मीरी हो उन पर कार्रवाई की जाएगी.’