पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मेघालय के राज्यपाल का बयान बहुत ही खेदजनक है. भारत सरकार को उन्हें तुरंत बर्ख़ास्त करना चाहिए.
शिलांग: अपने भड़काऊ बयानों को लेकर विवादों में बने रहने वाले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने मंगलवार को कश्मीर से जुड़ी हर चीज का बहिष्कार करने की बात कहकर नए विवाद को जन्म दे दिया. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद रॉय का यह बयान आया है.
रॉय ने अमरनाथ यात्रा सहित कश्मीर से जुड़ी हर चीज और राज्य के सामानों की खरीदारी का बहिष्कार करने का समर्थन किया है. ट्विटर पर खुद को दक्षिणपंथी हिंदू सामाजिक-राजनीतिक विचारक, लेखक बताने वाले रॉय ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर इस तरह के विचार व्यक्त किए हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल ने अपील की है : कश्मीर नहीं जाएं, अगले दो साल तक अमरनाथ यात्रा पर नहीं जाएं. कश्मीरी एंपोरियम से या हर सर्दी में आने वाले कश्मीरी व्यापारियों से सामान नहीं खरीदें. कश्मीर की हर चीज का बहिष्कार करें. मैं इससे सहमति जताता हूं.’
An appeal from a retired colonel of the Indian Army: Don’t visit Kashmir,don’t go to Amarnath for the next 2 years. Don’t buy articles from Kashmir emporia or Kashmiri tradesman who come every winter. Boycott everything Kashmiri.
I am inclined to agree— Tathagata Roy (@tathagata2) February 19, 2019
राज्यपाल बनाए जाने से पहले भाजपा नेता रहे रॉय ने आगे ट्वीट में बलात्कार और हत्या का संदर्भ देते हुए पाकिस्तान की सेना (जो कश्मीरी अलगाववादियों को निर्देश देती है) और ‘पूर्वी पाकिस्तान’ में उसकी भूमिका का भी जिक्र किया. हालांकि, उन्होंने यह भी लिखा है कि वह इस तरह के सुझाव नहीं दे रहे हैं.
रॉय के इस विवादित बयान की जम्मू कश्मीर के नेताओं महबूबा मुफ्ती और ओमर अब्दुल्ला ने आलोचना की.
ओमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘ये कट्टरपंथी विचार ही कश्मीर को रसातल में ले जा रहे हैं. और तथागत अगर आप ऐसा चाह ही रहे हैं तो आप कश्मीर से निकलने वाली नदियों के पानी को क्यों नहीं रोक देते जिससे आप बिजली पैदा करते हैं?’
These are the bigots driving Kashmir over the abyss. While you are at it Tathagata why don’t you stop using our rivers to generate your electricity as well? https://t.co/BS1zAG78Xx
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 19, 2019
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मेघालय के राज्यपाल का बहुत ही खेदजनक बयान आया है. भारत सरकार को उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए. अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो इसका मतलब है कि इसे उनकी मौन स्वीकृति है और वे इसका इस्तेमाल माहौल को बांटने के लिए चुनावी रणनीतिक के तौर पर कर रहे हैं.
Deplorable statement coming from the Governor of Meghalaya. GoI must sack him immediately . If they fail to do so, it means he has their tacit approval and are using it as an election ploy to polarise the situation. https://t.co/AQE0e1akUH
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 19, 2019
पत्रकार सुहासिनी हैदर ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि मेघालय के गवर्नर ने भारतीय संविधान की धारा 159 के तहत जो शपथ ली है उसका उल्लंघन किया है. राष्ट्रपति को इसका संज्ञान लेना चाहिए.’
Governor of Meghalaya appears to have violated the oath he took under Section 159 of the Indian Constitution: "Will to the best of my ability preserve, protect and defend the Constitution and the law". For @rashtrapatibhvn to take note. https://t.co/2PuhUcBsso
— Suhasini Haidar (@suhasinih) February 19, 2019
हालांकि, इस विवादित बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने लिखा, ‘यह एक रिटायर्ड सेना कर्नल के मीडिया और कई अन्य लोगों को दिए गए अहिंसात्मक सुझाव हैं. सैंकड़ों लोगों द्वारा हमारे सैनिकों की हत्या और 3.5 लाख कश्मीरी पंडितों को बाहर निकालने के लिए एक विशुद्ध रूप से गैर-विशुद्ध प्रतिक्रिया.’
Vociferously violent reactions from media and several others to my ECHOING OF a suggestion from a retired army colonel. A purely NON-VIOLENT REACTION to the killing of our soldiers by the hundreds and the driving out of 3.5 lakh Kashmiri Pandits.
— Tathagata Roy (@tathagata2) February 19, 2019
बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद देशभर में लोग आक्रोश जता रहे हैं. पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
बता दें, राज्यपाल रॉय पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं। कुछ समय पहले रॉय ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 10/1/1946 को लिखा था कि हिंदू-मुस्लिम समस्या का अंत गृहयुद्ध के बिना नहीं हो सकता है। लिंकन की तरह।’ रॉय ने अपने एक अन्य बयान में कहा था कि अजान की वजह से ध्वनि प्रदूषण होता है।
इसके अलावा उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकी हमले को लेकर भी विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी आतंकियों ने मुस्लिमों को छोड़कर सभी मासूमों को मारा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)