भाजपा नेता ने कार्यकर्ताओं से कहा, पुलवामा हमले के बाद उमड़ी राष्ट्रवाद की लहर को वोट में बदलो

गुजरात के वडोदरा में भाजपा के बूथ लेवल कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रवक्ता भरत पंडया ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पुलवामा हमले के बाद उमड़ी राष्ट्रवादी की लहर को पार्टी के पक्ष में वोटों में परिवर्तित करने को कहा.

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भाजपा प्रवक्ता भारत पंड्या (फोटो: फेसबुक प्रोफाइल)

गुजरात के वडोदरा में एक बैठक के दौरान भाजपा नेता भरत पांड्या ने कहा कि पूरा देश राष्ट्रवाद की भावना के साथ एकता में खड़ा हुआ है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस एकता को एकजुट वोट में परिवर्तित करें.

भाजपा प्रवक्ता भारत पंड्या (फोटो: फेसबुक प्रोफाइल)
भाजपा प्रवक्ता भारत पंड्या (फोटो: फेसबुक प्रोफाइल)

गांधीनगर: गुजरात में भाजपा के प्रवक्ता भरत पांड्या ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ जवानों पर हमले के बाद इस वक्त देश में जो राष्ट्रवाद की लहर उठी है, उसे वोटों में परिवर्तित किया जाए. वडोदरा में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान पांड्या ने कार्यकर्ताओं से ये कहा.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, पांड्या ने बीते सोमवार को भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हमला हुआ. आपने दृश्य देखे होंगे. सभी मतभेदों को एक तरफ रखते हुए, लोग राष्ट्रवाद की भावना को लेकर एकसाथ आए हैं. लोगों ने रैलियों और आंदोलन के माध्यम से देश के लिए अपना प्यार दिखाया है. जब मनमोहन सरकार के दौरान मुंबई में आतंकी हमले हुए थे, तब कैसा माहौल था? संसद में किस तरह के मुद्दे उठाए जा रहे थे?’

उन्होंने आगे कहा, ‘चर्चा इस बारे में थी कि क्या स्थानीय लोगों, जो आतंकवादियों का समर्थन कर रहे थे, की जांच की जा रही थी और उन्हें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था…लेकिन आज स्थिति बहुत अलग है.’

पंड्या का कहना है कि पुलवामा हमले के मद्देनजर पहले ही कई कार्रवाई की जा चुकी है. देश के नागरिक देर रात तक जागकर देखते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है. आज देश की यह भावना है. पूरा देश राष्ट्रवाद की भावना के साथ एकता में खड़ा हुआ है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस एकता को एक एकजुट वोट में परिवर्तित करें.

भाजपा प्रवक्ता ने कार्यकर्ताओं को चेताया कि कोई भी ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना है, जिससे पार्टी का नाम बदनाम हो. ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाए, जो दवा की तरह काम करे.