दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का कहना है कि उन्होंने एक बार भी इस बारे में उनसे बात नहीं की है.
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली में गठबंधन करने से इनकार कर दिया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, ‘उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस गठबंधन के लिए तैयार हो जाती है तो भाजपा दिल्ली में सभी सातों लोकसभा सीट पर हार का सामना करेगी.’
Delhi CM in Chandni Chowk y'day: There should be only 1 candidate against every BJP candidate,votes must not be divided.Tired of trying to convince Congress for alliance,but they refuse to understand. If today our alliance with Congress is done, BJP will lose all 7 seats in Delhi pic.twitter.com/6LG5rNGnZB
— ANI (@ANI) February 21, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई ने केजरीवाल के हवाले से कहा है, ‘गठबंधन के लिए कांग्रेस को मनाने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन वे समझना नहीं चाहते. कांग्रेस को मना-मनाकर थक गया हूं, मुझे समझ नहीं आता कि उसके मन में क्या है. अगर आज कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन हो जाता है तो भाजपा दिल्ली में सभी सातों सीटों पर हार जाएगी.’
केजरीवाल ने चांदनी चौक में एक सभा के दौरान कहा, ‘दिल्ली में भाजपा के हर उम्मीदवार के खिलाफ केवल एक उम्मीदवार होना चाहिए. वोटों का बंटवारा नहीं होना चाहिए.’
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सातों सीट पर जीत दर्ज की थी.
Sheila Dikshit on Delhi CM Arvind Kejriwal remarks, ‘Tired of trying to convince Congress for an alliance, but they refuse to understand’: I want to ask Arvind Kejriwal on what basis has he said this? Because he has not talked about it even once. pic.twitter.com/95yI2kOlpG
— ANI (@ANI) February 21, 2019
हालांकि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने केजरीवाल के इस दावे को झूठलाते हुए कहा, ‘मैं अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहती हूं कि आखिर किस आधार पर उन्होंने ऐसा कहा? उन्होंने एक बार भी इस बारे में बात नहीं की.’
केजरीवाल का यह बयान दिल्ली में राकंपा प्रमुख शरद पवार के आवास पर हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के एक साथ शिरकत करने के कुछ दिनों बाद आया है.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह काफी समय से कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही है लेकिन कांग्रेस ने अभी तक इस पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा कि उसकी प्राथमिकता दिल्ली में उसके संगठन को मजबूत करने की है.
साल 2013 में दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी. इस दौरान भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ सरकार बना ली थी. यह सरकार 49 दिनों में ही गिर गई थी. बाद में साल 2015 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा की 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी.