जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद कश्मीरियों के साथ दुर्व्यवहार की खबरों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है.
नागपुर: पुलवामा में आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों से मारपीट की एक नई घटना में शिवसेना की युवा इकाई युवा सेना के सदस्यों ने यवतमाल में एक कॉलेज में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों पर हमला किया और उन्हें धमकी दी. पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि हमला बुधवार की रात हुआ. छात्रों को धमकी भी दी गयी.
पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है और यवतमाल थाने में एक मामला दर्ज किया गया है. रात में करीब दस बजे वाघापुर रोड पर किराये के मकान के बाहर छात्रों पर हमला हुआ. उन्होंने बताया कि छात्र दयाभाई पटेल फिजिकल एजुकेशन कॉलेज के थे.
यवतमाल के एसपी एम. राजकुमार ने बताया कि युवा सेना के कार्यकर्ताओं ने लोहारा थाना अंतर्गत वैभव नगर में रहने वाले कुछ कश्मीरी छात्रों पर हमला किया और उन्हें धमकी दी.
राजकुमार ने बताया, ‘खाना खाने के बाद जब कश्मीरी छात्र वापस लौट रहे थे तभी युवा सेना के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक लिया और थप्पड़ मारे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आया है. पीड़ितों ने बृहस्पतिवार को लोहारा थाने में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और घटना के मुख्य आरोपी को पकड़ लिया है.’
एक पीड़ित छात्र ने कहा, ‘हमसे कहा गया कि यहां रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा. बुधवार शाम जब हम बाजार से लौट रहे थे तो उन्होंने थप्पड़ मारे और हमसे बदसलूकी की.’
छात्र ने कहा कि ‘हमलावरों ने हमसे कमरे खाली कर चार दिनों के भीतर कश्मीर लौट जाने को कहा. हमे चेतावनी दी गई कि यदि इस दौरान हम वापस नहीं गये तो वे हमें मार डालेंगे.’ छात्र ने कहा कि कालोनी के कुछ सदस्यों ने हस्तक्षेप कर हमे बचाया.
घटना पर बयान के बारे में पूछे जाने पर युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा पुलवामा आतंकी हमले पर देश भर में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि यवतमाल में मारपीट की घटना की वह जांच करवाएंगे और सच सामने आने पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे. उन्होंने भारतीयों के बीच एकता का आह्वान किया.
बता दें कि, पुलवामा आतंकी हमले को लेकर कश्मीरियों को प्रताड़ित करने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और 10 राज्यों को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा कि राज्यों के नोडल अफसर कश्मीरी और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा तथा भेदभाव को रोकें.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के डीजीपी और मुख्य सचिवों को कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा जारी की गई सलाह के मद्देनजर त्वरित कार्रवाई करने को कहा. इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि उसके इस आदेश को हर जगह प्रसारित किया जाए.
कश्मीरियों के साथ व्यवहार पर एनएचआरसी ने केंद्र और विभिन्न राज्यों को नोटिस जारी किया
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद कश्मीरियों के साथ कथित ‘दुर्व्यवहार’ की खबरों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी नोटिस जारी किया है. आयोग ने केंद्रीय मंत्रालयों से दो हफ्ते में जवाब तलब किया है. आयोग ने राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को उनकी रिपोर्ट भेजने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.
आयोग ने कहा कि आतंकवादी हमले के बाद हालांकि देश में शोक और गुस्से का माहौल है लेकिन अपने ही देशवासियों के साथ इस तरह की हिंसा को सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
आयोग ने यहां बयान जारी कर कहा कि ऐसी घटनायें लोकतांत्रिक ढांचे को तोड़ेंगी और हमारी समृद्ध सहिष्णु संस्कृति की छवि धूमिल होगी. बयान में कहा गया है कि ऐसे असामाजिक तत्वों के साथ केंद्र सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए.
आयोग ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय अधिकारियों, पुलिस एजेंसियों और आम लोगों की संवेदनशीलता की जरूरत पर जोर दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)