शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘लाली गुड़’ की बिक्री पर लगी रोक. घटना के विरोध में गोलाघाट में कई संगठनों ने मार्च किया और असम के आबकारी मंत्री का पुतला फूंका. मरने वालों में अधिकांश जोरहाट और गोलाघाट के चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिक हैं.
गुवाहाटी: असम में ज़हरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 157 तक पहुंच गई है और प्रभावित जोरहाट तथा गोलाघाट जिलों के विभिन्न अस्पतालों में 300 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस घटना के सिलसिले में 22 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. मृतकों में ज़्यादातर चाय बागानों के श्रमिक शामिल हैं.
बीते 20 फरवरी की रात को हुई इस घटना में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. विपक्षी कांग्रेस ने इस घटना के लिए भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की है और उस पर पीड़ितों की पीड़ा के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए कहा, ‘असम के इतिहास में इस तरह की त्रासदी कभी नहीं हुई थी.’
एक अधिकारी ने बताया कि असम के आबकारी मंत्री परिमल शुक्ल वैद्य ने अवैध शराब की बिक्री और उत्पादन पर लगाम लगाने के ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार ने शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘लाली गुड़’ की बिक्री पर भी रोक लगा दी है.
पुलिस ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में इन दो ज़िलों से कुल 22 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
ज़हरीली शराब कांड के विरोध में सोमवार को गोलाघाट में कई संगठनों ने मार्च किया और शुक्ल वैद्य का पुतला फूंका.
21 फरवरी की रात गोलाघाट एवं जोरहाट के दो चाय बागानों के श्रमिक ज़हरीली शराब पीने से बीमार हो गए थे. इनमें से 12 लोगों की मौत उसी रात हो गई थी.
अधिकारियों ने बताया कि जोरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कम से कम 78 लोगों की इलाज के दौरान मौत हुई जबकि 20 लोगों को मृत लाया गया था. इस समय 300 से अधिक लोगों का वहां इलाज चल रहा है.
गोलाघाट में अब तक 55 लोगों की मौत हुई है जबकि 57 लोगों का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है.
इस बीच इस घटना की निंदा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की.
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को इन मौतों की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.’
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को इस घटना की जांच कराने के आदेश दिये थे.
मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने जेएमसीएच में भर्ती लोगों की स्थिति का जायजा लिया था. सोनोवाल ने बीते 23 फरवरी को मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और बीमार लोगों को पचास-पचास हज़ार रुपये देने की घोषणा की थी.
देश में एक पखवाड़े के भीतर ज़हरीली शराब से हुई यह दूसरी बड़ी घटना है. इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 72 लोगों की मौत ज़हरीली शराब पीने से हो गई थी.