भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा ने कहा कि यह हमला कोई सैन्य कार्रवाई नहीं था बल्कि ऐहतियातन उठाया गया कदम था, जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. इस आतंकी शिविर का चयन यह ध्यान में रखते हुए किया गया था कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.
नई दिल्ली: भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार जाकर पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित एक आतंकी शिविर को निशाना बनाया.
उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया गया. गोखले ने कहा कि हमने पाक को आतंकी हमले के सबूत कई बार दिए लेकिन पाकिस्तान ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की. यह हमला कोई सैन्य कार्रवाई नहीं था बल्कि ऐहतियातन उठाया गया कदम था, जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था.
विदेश सचिव विजय गोखले ने यह जानकारी भी दी कि इस यह आतंकी शिविर जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के रिश्तेदार युसूफ अजहर द्वारा संचालित था.
उन्होंने कहा कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि 12 दिन पहले पुलवामा हमले को अंजाम देने के बाद जैश ए मोहम्मद भारत में एक और आत्मघाती आतंकी हमला करने की साजिश रच रहा है. इस जानकारी के बाद सीमा के दूसरी ओर जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर गैर-सैन्य एकतरफा हमले किए गए.
गोखले ने बताया कि भारतीय वायु सेना के मंगलवार सुबह चलाये गए अभियान में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में जैश के आतंकवादी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और जिहादी मारे गए.
उन्होंने बताया कि इस शिविर का नेतृत्व मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था, जो जैश प्रमुख मसूद अजहर का रिश्तेदार (मसूद अजहर की पत्नी का भाई) था.
गोखले ने कहा, ‘हमने पाक को आतंकी हमले के सबूत कई बार दिए लेकिन पाकिस्तान ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की. यह ऐहतियातन उठाया गया कदम और गैर सैन्य कार्रवाई थी जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. हमने जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया जो घने जंगल में पहाड़ियों पर थे और नागरिक इलाकों से दूर थे.’
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस जगह का चयन इस बात को ध्यान में रखते हुए किया गया था कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.
विदेश सचिव ने यह भी कहा कि इन आतंकी शिविरों में इतने बड़े पैमाने पर जेहादियों को प्रशिक्षण देना बिना पाकिस्तान के प्रशासन की जानकारी के संभव नहीं था. पाकिस्तान को कई बार इन आतंकी ठिकानों के बारे में जानकारी देते हुए कार्रवाई करने को कहा गया लेकिन उसने इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया.
गोखले ने कहा कि आने वाले खतरे को देखते हुए, एकतरफा कार्रवाई ‘अत्यंत आवश्यक’ थी.
उन्होंने यह भी कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपने 2004 के संकल्प पर अमल करेगा कि वह भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिये अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा. भारत की पाकिस्तान से अपेक्षा है कि वह जैश ए मोहम्मद सहित सभी आतंकी शिविरों को नष्ट करेगा.
विदेश सचिव ने कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए सभी कदम उठाने को दृढ़तापूर्वक प्रतिबद्ध है.
ज्ञात हो कि भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को तड़के सीमापार पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के ठिकाने को निशाना बनाया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और जिहादी मारे गए .
वहीं मंगलवार सुबह को करीब 5 बजे पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया था कि उन्होंने भारतीय विमानों को रोक दिया था और विमान कोई नुकसान पहुंचाए बिना ही बमों को जल्दीबादी में गिराकर वापस लौट गए थे.
पाकिस्तान के दावे के अनुसार, वे बम बालाकोट में गिरे जो कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में न होकर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में है. सफल या असफल होने की दोनों ही स्थितियों में इसे सिर्फ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने की कार्रवाई नहीं बल्कि पूरी तरह से पाकिस्तान में घुसने की कार्रवाई मानी जाएगी. हालांकि, बालाकोट नाम का एक अन्य स्थान एलओसी के ठीक उस पार है.
एक अन्य ट्वीट में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘लक्ष्य नियंत्रण रेखा के उस पार था. भारतीय वायुसेना की घुसपैठ ‘आजाद जम्मू कश्मीर’ के भीतर मुजफ्फराबाद सेक्टर में एलओसी के पार 3-4 मील तक थी. उन्होंने जल्दबाजी में बम गिरा दिए जो कि एक खुले इलाके में गिरे. इसमें किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.’
यह हवाई हमला बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के दस्ते पर हुए आत्मघाती बम धमाके के बाद किया गया है जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. उस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी.
भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि तड़के करीब 3:30 बजे हुए इस हवाई हमले में 12 मिराज विमानों में हिस्सा लिया और एलओसी पार आतंकी शिविरों पर 1000 किलो की क्षमता वाले बम गिराए.
IAF Sources: 12 Mirage 2000 jets took part in the operation that dropped 1000 Kg bombs on terror camps across LOC, completely destroying it pic.twitter.com/BP3kIrboku
— ANI (@ANI) February 26, 2019
भारतीय वायुसेना के हवाई हमले की पहली ख़बर पाकिस्तानी सेना के सैन्य प्रवक्ता ने सुबह करीब 5 बजे दी. इसके दो घंटे बाद पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि बचाव करने के दौरान भारतीय विमानों ने जल्दबाजी में बम गिरा दिए जो कि बालाकोट के पास में गिरे.
एक अन्य ट्वीट में पाकिस्तानी प्रवक्ता ने भारतीय बमों द्वारा क्षतिग्रस्त हुई जगह की कथित तस्वीरें भी ट्वीट कीं.
Payload of hastily escaping Indian aircrafts fell in open. pic.twitter.com/8drYtNGMsm
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) February 26, 2019
इससे पहले, सितंबर 2016 में, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से भारत सरकार ने घोषणा की थी कि उसने नियंत्रण रेखा पर ’सर्जिकल स्ट्राइक’ किया था. कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकी हमले के लगभग 11 दिनों बाद यह स्ट्राइक की गई थी.
बता दें कि 27 फरवरी को चीन के वुजहेन में होने वाली भारत, चीन और रूस की त्रिपक्षीय बैठक के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को मंगलवार को निकलना है. वहीं, मंगलवार को पाकिस्तान ने कश्मीर और जेद्दाह पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) संपर्क समूह की आपात बैठक बुलाई है.
1 मार्च को ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करने के लिए भारत को पहले ही मेजबान संयुक्त अरब अमीरात द्वारा ‘गेस्ट ऑफ ऑनर ’के रूप में आमंत्रित किया गया है.
बता दें कि दुनिया भर में पुलवामा आतंकी हमले की निंदा हुई थी. हालांकि, केवल अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से अपने बयानों में पाकिस्तान का नाम लिया था. इसके साथ ही दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई बातचीत में अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को स्वीकार किया था.
हाल ही में भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा छीन लिया था और पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर सीमा शुल्क 200 फीसदी बढ़ा दिया था. इसके एक हफ्ते बाद ही पुलवामा हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी किया था जिसमें हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश ए मोहम्मद का भी नाम लिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)