कलबुर्गी हत्याकांड: गौरी लंकेश मामले को देख रही एसआईटी को जांच का ज़िम्मा

कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी ने उनकी हत्या की एसआईटी जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने कहा कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच की निगरानी में होगी एसआईटी जांच.

एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)

कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी ने उनकी हत्या की एसआईटी जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने कहा कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच की निगरानी में होगी एसआईटी जांच.

एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)
एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की हत्या की जांच मंगलवार को उसी विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंप दी है, जो पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ पीठ इस जांच की निगरानी करेगी. कलबुर्गी की पत्नी उमा देवी ने हत्या की एसआईटी से जांच कराने की मांग के लिए याचिका दायर की थी, जिसकी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही थी.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ बेंच इस जांच की निगरानी करेगी.

इस मामले की 25 जनवरी को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, यह बहुत ही गंभीर मामला है और हम इसकी सुनवाई करेंगे. हम इस मामले को स्थगित नहीं करने जा रहे.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने दिसंबर 2018 को सीबीआई से यह पता लगाने को कहा था कि क्या लंकेश, कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे और कलबुर्गी की हत्याओं के तार आपस में जुड़े हैं ताकि एक ही एजेंसी इन सभी चारों मामलों की जांच कर सके.

2006 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित हम्पी यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर कलबुर्गी की 2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में हत्या कर दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि सरकार कुछ नहीं कर रही है और कलबुर्गी की हत्या की जांच के नतीजे पर पहुंचने में असफल रही है. पीठ ने जांच पर अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए राज्य सरकार को नवंबर 2018 में दो सप्ताह का समय दिया था.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को आड़े हाथ लेने के बाद कर्नाटक पुलिस की सीआईडी ने गौरी लंकेश हत्या की जांच कर चुकी एसआईटी के कई अधिकारियों के साथ जांच दोबारा शुरू की.

सीआईडी ने गौरी लंकेश जांच के मुख्य जांचकर्ता पुलिस उपाधीक्षक टी रंगप्पा को कलबुर्गी मामले का नया जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया.

उमा देवी ने कहा था कि एक ही संगठन के शूटर्स इन तीनों हत्याओं में कथित रूप से शामिल थे. एसआईटी की जांच से पता चला कि कलबुर्गी और गौरी लंकेश की एक ही बंदूक से हत्या की गई थी.

एसआईटी द्वारा बेंगलुरु कोर्ट में दी गई फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आया था कि कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में इस्तेमाल की गई बंदूक एक ही थी.