बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि हम दशकों से जंग के शिकार रहे हैं और इसके मायने जानते हैं. इसलिए मैं दोबारा कहता हूं कि हमें बातचीत से अपने मसले हल करने चाहिए.
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर एक बार दोनों देशों के बीच बातचीत से हल निकालने की अपील की है.
बुधवार दोपहर को राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए उन्होंने परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बातचीत के जरिये मुद्दों को सुलझाने की वकालत की.
उन्होंने सभी जंगों में अनुमानों के गलत साबित होने का जिक्र करते हुए कहा कि किसी को नहीं पता कि ऐसी स्थिति किस दिशा में जाएंगी. खान ने कहा कि दोनों पक्षों को बुद्धिमता दिखानी चाहिए.
खान ने कहा, ‘मैं भारत से पूछता हूं- जिस तरह के हथियार आपके पास हैं और जो हथियार हमारे पास हैं तो क्या हम किसी तरह की चूक को बर्दाश्त कर सकते हैं? अगर यहां से स्थितियां बिगड़ती हैं तो ये किस तरफ जाएगी? तब यह न मेरे बस में होगी और न ही नरेंद्र मोदी के. इसलिए मैं फिर आपको दावत देता हूं कि आइये हम तो तैयार बैठे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं दोबारा कहता हूं कि हमें बातचीत से अपने मसले हल करने चाहिए.’
I ask India,given the weapons capability on both sides, can we afford a miscalculation? It will neither be in my control nor Modi’s.We are ready to come on the table and talk about terrorism that affects both the countries. We are ready. #BetterSenseShouldPrevail @ImranKhanPTI pic.twitter.com/KybAdtTfRR
— PTI (@PTIofficial) February 27, 2019
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ‘हम पुलवामा में मरने वालों के परिवार का दर्द समझ सकते हैं. हम दशकों तक जंग के शिकार रहे हैं. मैं अस्पतालों में बम धमाकों में घायल हुए लोगों और मरने वालों के परिवारों से मिलता रहा हूं. हम जानते हैं कि जंग के क्या मायने होते हैं. हम शुरुआत से भारत से यह कहते आए हैं कि हमसे सबूत साझा करे, जिन पर कार्रवाई की जा सके.’
हालांकि उन्होंने यह दावा भी किया कि दो भारतीय मिग विमानों ने बुधवार को नियंत्रण रेखा पार की थी और उन्हें मार गिराया गया.
खान ने कहा, ‘हम बस अपनी क्षमता दिखाना चाहते थे. दो मिग विमान पाकिस्तान की सीमा में आये और हमने उन्हें मार गिराया. मैं यह भी बताना चाहता हूं कि पायलट हमारे साथ है. मैं अब भारत से बात करना चाहता हूं और कहना चाहता हूं कि समझदारी बनाये रखें. गंभीरता से सोचें.’
उन्होंने आगे कहा, ‘दुनिया की सारी जंग समय और दांव पर लगी इंसानी कीमत को लेकर लगाए गए गलत अनुमानों के चलते शुरू हुईं. पहले विश्व युद्ध में भी ऐसा हुआ था, दूसरे में भी… और आतंक की लड़ाई में भी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)