ऑनलाइन पोर्नोग्राफी एवं गैंबलिंग पर कार्रवाई के तहत बांग्लादेश की शेख़ हसीना सरकार ने 20,000 से ज़्यादा वेबसाइटों को बंद करने का आदेश दिया. लोगों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है.
ढाका: बांग्लादेश के एक चर्चित बांग्ला ब्लॉग को दूरसंचार नियामकों ने बंद कर दिया है. इस कदम की आलोचकों ने बुधवार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताकर निंदा की है.
ऑनलाइन पोर्नोग्राफी एवं गैंबलिंग पर कार्रवाई के तहत इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को 20,000 से ज्यादा वेबसाइट को बंद करने का आदेश दिया गया. ‘समवेयरइनब्लॉग डॉट नेट’ (https://www.somewhereinblog.net/) का नाम भी इन वेबसाइटों में शामिल था.
लेकिन इस वेबसाइट का कहना है कि उसने किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को जगह नहीं दी है. साथ ही कहा कि यह कार्रवाई नियंत्रण लगाने का स्पष्ट प्रयास है. इस प्लेटफॉर्म पर ढाई लाख से ज्यादा ब्लॉगर रजिस्टर थे.
इस कार्रवाई में गूगल बुक्स के बांग्ला संस्करण के साथ-साथ टिकटॉक एवं बीगो जैसे प्रसिद्ध सोशल मीडिया ऐप को भी बंद कर दिया गया है.
ब्लॉगिंग साइट के संचालक एवं प्रवक्ता मोजादिद अल फसानी ने कहा, ‘हमें यह जानकर बहुत हैरानी हुई कि हमारे ब्लॉग को काली सूची में डाल दिया गया है और ब्लॉक कर दिया गया है.’
प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा प्लेटफॉर्म किसी भी तरीके से पोर्नोग्राफी या आपत्तिजनक सामग्री का प्रचार नहीं करता और हम उस कंटेंट को लेकर पूरी तरह सजग रहते हैं जिससे राष्ट्र की सुरक्षा या संप्रभुता को नुकसान हो सकता है.’
समाचार एजेंसी एएफपी की ख़बर के अनुसार, प्रवक्ता ने दूरसंचार मंत्री के आरोपों पर निराशा जताई है, आरोपों में कहा गया था कि वेबसाइट नास्तिकता को बढ़ावा देती है.
अल फसानी ने एएफपी को बताया, ‘हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं, जब तक कोई व्यक्ति सीमाएं नहीं पार करता है यानी कि नफरत को भड़काने वाली कोई बात नहीं कहता है… और केवल सामाजिक मुद्दों और धर्म के बारे में अपनी राय व्यक्त करता है, तो हम उन्हें सेंसर करने का कोई कारण नहीं देखते हैं.
यह आदेश देने वाले दूरसंचार मंत्री मुस्तफा जब्बार ने ढाका ट्रिब्यून अखबार को बताया कि आपत्तिजनक सामग्री के कारण ही समवेयरइनब्लॉग डॉट नेट को बंद किया गया था.
उन्होंने आगे कहा, ‘क्या आपने कभी उस कंटेट को देखा है जो ब्लॉगिंग वेबसाइटें प्रकाशित करती हैं? सभी वेबसाइटों पर रिपोर्टों की पुष्टि करने के बाद हमने यह कदम उठाया.’
अधिकार समूहों ने बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाने का आरोप लगाया है.
पिछले साल सितंबर में सरकार ने एक विवादास्पद डिजिटल सुरक्षा अधिनियम पारित किया जिसे पत्रकारों ने मीडिया की स्वतंत्रता पर गंभीर हमला बताया था.
मशहूर फोटोग्राफर शाहिदुल आलम सहित दर्जनों सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को पिछले साल कई महीनों तक सोशल मीडिया पर ढाका में छात्र विरोध के बारे में टिप्पणी करने के कारण हिरासत में लिया गया था.