छत्तीसगढ़: एसआरपी कल्लूरी का तबादला, बनाया गया परिवहन आयुक्त

विवादित पुलिस अधिकारी आईजी कल्लूरी को बीते दिनों आर्थिक अपराध विभाग और भ्रष्टाचार विरोधी विभाग की ज़िम्मेदारी देने पर भूपेश बघेल सरकार को ख़ासी आलोचना झेलनी पड़ी थी. 15 सांसदों ने कल्लूरी के ख़िलाफ़ जांच के लिए लिखा था सीएम को पत्र.

एसआरपी कल्लूरी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

विवादित पुलिस अधिकारी आईजी कल्लूरी को बीते दिनों आर्थिक अपराध विभाग और भ्रष्टाचार विरोधी विभाग की ज़िम्मेदारी देने पर भूपेश बघेल सरकार को ख़ासी आलोचना झेलनी पड़ी थी. 15 सांसदों ने कल्लूरी के ख़िलाफ़ जांच के लिए लिखा था सीएम को पत्र.

एसआरपी कल्लूरी. (फोटो: पीटीआई)
एसआरपी कल्लूरी. (फोटो: पीटीआई)

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने विवादित पुलिस अधिकारी एसआरपी कल्लूरी का फिर तबादला कर दिया है. उन्हें आर्थिक अपराध विभाग और भ्रष्टाचार विरोधी विभाग (ईओडब्ल्यू और एसीबी) से हटाते हुए अब परिवहन आयुक्त बनाया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार बुधवार देर रात जारी एक आदेश के अनुसार आईजी जीपी सिंह को अब ईओडब्ल्यू और एसीबी का प्रभार सौंपा गया है, वहीं आईजी कल्लूरी को एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बनाया गया है.

बीते दिनों जब आईजी कल्लूरी को आईओडब्ल्यू और एसीबी की ज़िम्मेदारी दी गई थी, तब भूपेश बघेल सरकार को खासी आलोचना झेलनी पड़ी थी.

इसके पहले सरकार बनने के बाद जनवरी में कांग्रेस ने राज्य के चर्चित पीडीएस घोटाले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था, जिसका जिम्मा ईओडब्ल्यू को दिया गया था और बाद में कल्लूरी को इस विभाग का प्रभार दिया गया.

ज्ञात हो कि कल्लूरी पर मानवाधिकार हनन के कई आरोप लग चुके हैं, जिसमें कांग्रेस खुद उनको मानवाधिकारों के उल्लंघन और ज्यादतियों का आरोपी बता चुकी है. अक्टूबर 2016 में वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल्लूरी को न केवल बर्खास्त करने बल्कि उन्हें गिरफ्तार करने की भी मांग की थी.

बीते 12 फरवरी को 15 सांसदों ने एसआरपी कल्लूरी के बस्तर डीजीपी के बतौर कार्यकाल के दौरान उनकी गतिविधियों की जांच के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा था.

इस पत्र में सांसदों ने लिखा था कि सलवा जुडूम अभियान के दौरान आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार बढ़े, जहां सुरक्षाबलों और नक्सलियों ने आदिवासियों पर बेहिसाब अत्याचार किए थे.

विभिन्न दलों के सांसदों ने पत्र में यह भी कहा था कि सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायतों और झूठे मामले दर्ज करने के आधार पर एसआरपी कल्लूरी का तबादला तो किया गया लेकिन उनके द्वारा किए गए अत्याचार और अवैध कार्यों के लिए उन्हें कभी दंडित नहीं किया गया.

उन्होंने आगे कहा था, ‘हम आपसे बीते पांच सालों में उनके कार्यकाल के दौरान उनकी गतिविधियों की जांच करने और उनके गलत कामों के लिए उन्हें सज़ा देने का आग्रह करते हैं. हम क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए आपको मिले जनादेश की रोशनी में यह मामला आपके सामने उठा रहे हैं.’