दिग्गज अभिनेता और राजनेता विनोद खन्ना नहीं रहे

अपने ज़माने के दिग्गज फिल्म अभिनेता और सांसद विनोद खन्ना का बृहस्पतिवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में कैंसर से निधन हो गया. वह 70 साल के थे.

अपने ज़माने के दिग्गज फिल्म अभिनेता और सांसद विनोद खन्ना का बृहस्पतिवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में कैंसर से निधन हो गया. वह 70 साल के थे.

Vinod Khanna Frost Snow
(फोटो साभार: फ्रॉस्ट स्नो)

विनोद खन्ना के भाई प्रमोद खन्ना ने समाचार एजेंसी भाषा से बातचीत में बताया, ‘उनका निधन दिन में 11:20 बजे हुआ. यह हमारे लिए दुख की घड़ी है. हम आप सभी से अनुरोध करते हैं कि हमारी निजता का ध्यान रखें.’

विनोद को शरीर में पानी की कमी के चलते 31 मार्च को मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार वह ब्लैडर कैंसर से पीड़ित थे.

उनके परिवार में पत्नी कविता खन्ना और चार संतानें राहुल, अक्षय, साक्षी और श्रद्धा हैं. विनोद खन्ना के दो बेटे राहुल और अक्षय भी अभिनेता हैं और वे उनकी पहली पत्नी गीतांजलि के पुत्र हैं.

हिंदी फिल्म जगत के सबसे आकर्षक और खूबसूरत अभिनेताओं में गिने जाने वाले इस अभिनेता ने वर्ष 1968 में फिल्म मन का मीत के साथ अभिनय की दुनिया में क़दम रखा था. पहली बार 1971 में गुलजार की फिल्म मेरे अपने में उनके अभिनय पर लोगों की नज़र गई.

यह फिल्म अभिनेता सुनील दत्त ने अपने भाई को बतौर हीरो लॉन्च करने के लिए बनाई थी. उसके बाद विनोद खन्ना ने पूरब और पश्चिम और मेरा गांव मेरा देश जैसी कई फिल्मों में नकारात्‍मक किरदार निभाए थे.

इसके बाद 70 और 80 के दशक में मेरा गांव मेरा देश, रेशमा और शेरा, ऐलान, अमर अकबर एंथनी, हेरा फेरी, कुर्बानी, दयावान और जुर्म जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं यादगार बन गईं.

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ओशो रजनीश के साथ अभिनेता विनोद खन्ना. (फोटो: ट्विटर)

अक्सर अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना की तुलना की जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों एक ही समय अपने करिअर के उफान पर थे. दोनों अभिनेताओं ने एक साथ कई फिल्में की हैं. इसमें मुकद्दर का सिकंदर, परवरिश, अमर अकबर एंथनी, खून पसीना, हेरा फेरी जैसी फिल्में प्रमुख हैं.

जब वह अपनी लोकप्रियता के शिखर पर थे, उस दौर में उन्होंने अभिनय छोड़कर पुणे में आचार्य रजनीश (ओशो) के आश्रम में जाकर आध्यात्मिक जीवन शुरू कर दिया. यह साल 1982 था.

हालांकि अस्सी के दशक के आख़िर में वह फिर सिनेमा की ओर लौटे और इंसाफ और सत्यमेव जयते जैसी फिल्मों से सफलता हासिल की. आख़िरी बार वह वर्ष 2015 में शाहरुख खान अभिनीत दिलवाले में नजर आए थे.

1987 से 1994 में विनोद खन्ना बॉलीवुड के सबसे महंगे सितारों में से एक थे. भारतीय सिनेमा में अपने चार दशक लंबे सफर में उन्होंने तकरीबन 150 फिल्मों में काम किया. करियर में लगभग 150 फिल्मों में अभिनय किया. उनके निभाए हर किरदार सिनेमा प्रेमियों के दिलों में ज़िंदा हैं.

उनका जन्म छह अक्टूबर 1946 को पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था. विभाजन के बाद उनका परिवार मुंबई आ गया था. कहा जाता है कि मुंबई आने के बाद फिल्मों से उनका लगाव हो गया, लेकिन उनके पिता नहीं चाहते थे कि वे फिल्मों में काम करे.

बाद में विनोद खन्ना की ज़िद पर उनके पिता ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए दो साल का वक़्त दिया. इन दो सालों में ही विनोद ने फिल्मों में अपनी पहचान बना ली.

साल 1969 में आई अपनी पहली फिल्म मन का मीत के साथ उन्होंने बतौर खलनायक बॉलीवुड में क़दम रखा था. यह फिल्म हिट रही थी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

विनोद सक्रिय राजनीति में भी रहे और पंजाब के गुरदासपुर से वर्तमान लोकसभा सदस्य थे. वह चार बार से यहां से सांसद चुने गए.

विनोद खन्ना के प्रति सम्मान जताते हुए बाहुबली के निर्माताओं ने फिल्म के दूसरे भाग बाहुबली: द कनक्लूजन का बहुप्रतीक्षित प्रीमियर को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया. फिल्म निर्देशक एसएस राजामौलि और उसके हिंदी संस्करण को लाने वाले फिल्मकार करण जौहर ने एक बयान जारी कर यह घोषणा की.

उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विनोद खन्ना को मशहूर अदाकार, समर्पित नेता और अच्छे इंसान के रूप में याद रखा जाएगा.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह ऐसे सरल और करिश्माई व्यक्तित्व थे जिन्होंने जनता पर गहरा प्रभाव छोड़ा.

खन्ना के समकालीन अभिनेता और नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने उनके निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति कहा. मेरे अपने, बांबे 405 और दो यार जैसी फिल्मों में विनोद के साथ काम करने वाले सिन्हा ने कहा, ‘विनोद खन्ना बहुत पसंद किए जाने वाले इंसान थे. मेरे लिए यह व्यक्तिगत और भावनात्मक क्षति है. हम फिल्मों और राजनीति दोनों ही जगह बहुत करीब रहे.’

अभिनेता रजनीकांत ने ट्वीट किया मेरे प्रिय मित्र विनोद खन्ना, आपकी कमी अखरेगी. भगवान आपकी आत्मा को शांति दे. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं.

गायिका आशा भोसले ने कहा कि वह अच्छे इंसान थे और अंतिम समय तक स्टार रहे.

अमर अकबर एंथनी में विनोद खन्ना के किरदार अमर के छोटे भाई अकबर की भूमिका निभाने वाले ऋषि कपूर ने ट्वीट किया, ‘अमर आपकी कमी खलेगी. आपके साथ अच्छे वक़्त को याद कर रहा हूं. विनोद! मेरा दोस्त रहने के लिए शुक्रिया.’ दोनों ने फिल्म चांदनी में भी साथ काम किया था.

फिल्मकार करण जौहर ने कहा, पर्दे पर उनकी मौजूदगी आज भी बेमिसाल है. उनके सुपर सितारे की शोहरत देखते हुए हम बड़े हुए हैं. विनोद खन्ना को श्रद्धांजलि.

अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा कि विनोद खन्ना के निधन से एक युग समाप्त हो गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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