बुलंदशहर के एसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि स्याना के एसएचओ सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोप में पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. अन्य 33 लोगों पर दंगा, आगज़नी और इसी तरह के अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है.
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर हिंसा और पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह की हत्या की जांच कर रहे राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को 38 लोगों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बुलंदशहर में गोकशी के बाद भड़की हिंसा और पुलिस अधिकारी की हत्या को लेकर एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष यह आरोपपत्र दाखिल किया.
बुलंदशहर के एसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा, ‘स्याना के एसएचओ सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोप में पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. अन्य 33 लोगों पर दंगा, आगज़नी और इसी तरह के अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है.’
उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
पुलिस के मुताबिक, ‘मुख्य आरोपी योगेश राज पर दंगा करने और आगज़नी के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप लगा है. जिले के मवा गांव में कथित तौर पर गोहत्या के बाद हुए प्रदर्शन के बाद बुलंदशहर के चिंगरावठी में दंगे हुए थे. विरोध कर रही भीड़ ने चिंगरावठी के पुलिस बूथ में आग लगा दी थी.’
एसपी श्रीवास्तव ने कहा, ‘आरोपी प्रशांत नट, लोकेंद्र, राहुल, डेविड और जॉनी पर पुलिस अधिकारी की हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘सीसीटीव फुटेज और कई सोशल मीडिया वीडियो में दिखाई दे रहा है कि उन्होंने पुलिस अधिकारी को फंसाने के लिए एक गोल-घेरा बना लिया था और बाद में प्रशांत ने अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से सुबोध कुमार सिंह को गोली मार दी. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपना अपराध स्वीकार किया था.’
बुलंदशहर पुलिस जांच के दौरान उजागर हुए अन्य अनाम आरोपियों की भी तलाश कर रही है. पुलिस का कहना है कि कई आरोपियों ने बीते कुछ सप्ताह में अदालत में आत्मसमर्पण किया है, जिसमें महाव गांव का पूर्व प्रधान राजकुमार भी है.
मालूम हो कि तीन दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना इलाके के चिंगरावठी क्षेत्र में कथित गोकशी के को लेकर उग्र भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी और सुमित नामक एक अन्य युवक की मृत्यु हो गई थी.