नगालैंड: कोयला खदान में भूस्खलन से चार मज़दूरों की मौत

नगालैंड के लॉगलेंग ज़िले के एक अवैध कोयले खदान की घटना. सरकार ने इस खदान से खनन बंद करने का आदेश दिया था.

कोयला खदान प्रतीकात्मक फोटो (फोटो पीटीआई)

नगालैंड के लॉगलेंग ज़िले के एक कोयला खदान की घटना. पुलिस ने बताया कि अवैध कोयला खनन पर प्रतिबंध और लाइसेंसी खनन गतिविधियों पर अस्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इस खदान को हाल ही में बंद कर दिया गया था.

कोयला खदान प्रतीकात्मक फोटो (फोटो पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)

कोहिमा: नगालैंड में अवैध तरीके से किए जा रहे खनन के दौरान खदान धंसने से चार मजदूरों की मौत हो गई है. यह घटना शनिवार को लॉगलेंग जिले के योंग्लोक गांव के एक अवैध कोयले खदान में घटी, जिसे राज्य सरकार के आदेश के बाद बंद कर दिया गया था.

पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह हादसा शनिवार को उस समय हुआ जब पीड़ित अपना सामान लेने खदान के अंदर गए थे, तभी खदान की मिट्टी धंस गई. सभी मजदूर असम के रहने वाले थे.

उन्होंने बताया कि यह खदान असम-नगालैंड सीमा पर स्थित है. मजदूर भूस्खलन की वजह से खदान के अंदर फंस गए.

साथ ही पुलिस ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अवैध कोयला खनन पर प्रतिबंध और लाइसेंसी खनन गतिविधियों पर अस्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इस खदान को हाल ही में बंद कर दिया गया था.

मृतकों की पहचान 40 वर्षीय जितेन तंती, 32 वर्षीय कृष्णा गोगोई, 28 वर्षीय टीटू डेका और 37 वर्षीय शुशन फूंकों के तौर पर की गई है.

पीड़ितों के परिजनों के अनुरोध पर शवों का पोस्टमार्टम नहीं किया गया है. हलफनामा लेने के बाद शवों को परिवार वालों को सौंप दिया गया.

गौरतलब है कि तीन महीने पहले ही मेघालय के पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले स्थित लुमथरी के रैट होल खदान में 15 मजदूर फंस गए थे. वहां अवैध रूप से कोयले का खनन किया जा रहा था. इनमें से कुछ मजदूरों के ही शव निकाले जा सके थे. शवों के बुरी तरह क्षत-विक्षत होने की वजह से राज्य सरकार के आदेश के बाद नौसेना ने खनिकों के शवों को निकालने का अभियान रोक दिया था.