दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी कांग्रेस: शीला दीक्षित

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक ऐसे समय में जब पूरा देश मोदी-शाह की जोड़ी को हराना चाहता है तब भाजपा विरोधी वोटों को बांटकर कांग्रेस भाजपा की मदद कर रही है.

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दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई/रॉयटर्स)

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक ऐसे समय में जब पूरा देश मोदी-शाह की जोड़ी को हराना चाहता है तब भाजपा विरोधी वोटों को बांटकर कांग्रेस भाजपा की मदद कर रही है.

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई/रॉयटर्स)
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फोटो: पीटीआई/रॉयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद शीला दीक्षित ने कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है.

इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘एक ऐसे समय में जब पूरा देश मोदी-शाह की जोड़ी को हराना चाहता है तब भाजपा विरोधी वोटों को बांटकर कांग्रेस भाजपा की मदद कर रही है.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसी अफवाहें हैं कि कांग्रेस का भाजपा के साथ गुप्त समझौता हो गया है. कांग्रेस-भाजपा के गठबंधन से लड़ाई के लिए दिल्ली तैयार है. लोग इस अपवित्र गठबंधन को हरा देंगे.’

मंगलवार की सुबह सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है.

सूत्रों का कहना था कि दिल्ली में लोकसभा की सात सीटों में से तीन-तीन पर दोनों पार्टियां अपने उम्मीदवार उतारेंगी. वहीं एक सीट शत्रुघ्न सिन्हा या यशवंत सिन्हा को दी जाएगी.

ऐसा माना जा रहा था कि शत्रुघ्न सिन्हा या यशवंत सिन्हा में से कोई एक दोनों पार्टियों की ओर से साझा उम्मीदवार होंगे.

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन के लिए तैयार था, लेकिन पार्टी की दिल्ली यूनिट इसके पक्ष में नहीं थी.

आम आदमी पार्टी ने गठबंधन के लिए दो विकल्प दिए थे. पहले विकल्प के तहत आम आदमी पार्टी दिल्ली में छह सीटों पर लड़ती और कांग्रेस एक सीट पर. हालांकि इसके बाद कांग्रेस वाले राज्यों में आम आदमी पार्टी चुनाव नहीं लड़ती.

जबकि दूसरे विकल्प के तहत दोनों पार्टियां दिल्ली में तीन-तीन सीटों पर लड़ती और कांग्रेस को पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों में आम आदमी पार्टी को कुछ सीटें देनी पड़ती.

सूत्रों के अनुसार, ‘आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता पिछले तीन महीने से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस नेताओं से बात कर रहे थे. पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ भी एक बैठक में इसकी चर्चा हुई थी.’

इस बैठक के बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ किसी तरह के गठबंधन से इनकार कर दिया है.

कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए ही पिछले सप्ताह आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से छह पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी.

आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा था, ‘कांग्रेस की दिल्ली प्रमुख शीला दीक्षित ने कहा है कि वह किसी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं. समय की कमी को देखते हुए हमें नामों की घोषणा करनी पड़ी.’

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जितने मत प्रतिशत मिले थे अगर उन्हें मिला दें (49 फीसदी) तो वे भाजपा को मिले मत प्रतिशत (45 फीसदी) से चार फीसदी ज्यादा हो जाते हैं.