ट्रम्प ने कहा कि भारत, अमेरिका को यह आश्वासन देने में विफल रहा है कि कि वह अमेरिकी उत्पादकों को भारत के बाज़ार में समान और उचित पहुंच प्रदान करेगा.
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी कांग्रेस को जीरो इम्पोर्ट ड्यूटी वाले जनरलाइज़्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत लाभ लेने वाले देश के रूप भारत और तुर्की को प्रदान किये गए दर्जे को वापस लेने के अपने इरादे से अवगत कराया.
ट्रम्प ने दलील दी कि भारत, अमेरिका को यह आश्वासन देने में विफल रहा है कि वह विभिन्न क्षेत्रों में अपने बाजारों को उचित पहुंच प्रदान करेगा.
अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैन्सी पैलोसी को लिखे एक पत्र में ट्रम्प ने कहा कि भारत ने अमेरिका को आश्वस्त नहीं किया कि वह अमेरिकी उत्पादकों को भारत के बाजारों में ‘न्यायसंगत एवं उचित पहुंच प्रदान करेगा.’
पत्र की एक प्रति मीडिया को भी जारी की गई है. ट्रम्प ने एक अन्य पत्र में तुर्की से भी यह दर्जा वापस लेने की मंशा की जानकारी दी.
अमेरिका का यह भी कहना है कि भारत में पाबंदियों के चलते उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा है, साथ ही भारत जीएसपी के मापदंड पूरे करने में नाकाम रहा है.
एनडीटीवी की खबर के अनुसार अगर ऐसा हुआ तो फिर अमेरिकी बाजार में 5.6 बिलियन डॉलर मूल्य के भारतीय उत्पादों के लिए ड्यूटी फ्री यानी शुल्क-मुक्त एंट्री का दरवाजा बंद हो जाएगा, जो एक बड़ा आर्थिक झटका होगा.
इससे पहले ट्रम्प ने सोमवार को कहा था कि वह भारत के लिए शुल्क मुक्त ट्रीटमेंट को खत्म करने का इरादा रखते हैं.
ट्रम्प का मानना है कि भारत व्यापार के मामले में अमेरिका को अपेक्षित सहयोग नहीं कर रहा. ट्रम्प कई बार और कई मंच से यह बात कह चुके हैं.
उनका मानना है कि भारत ऐसा देश है, जो अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैरिफ लगाता है. इसके जवाब में उन्होंने भी भारत के उत्पादों के अमेरिकी बाजार में ड्यूटी फ्री प्रवेश रोकने की सोची है.
ट्रम्प ने कहा, ‘मैं यह कदम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि अमेरिका से गहन जुड़ाव के बाद भी भारत ने अमेरिका को यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह अमेरिकी उत्पादकों को भारत के बाजार में समान और उचित पहुंच प्रदान करेगा.’
ट्रम्प के इस फैसले पर भारत ने कहा है कि इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने बताया कि अमेरिका के इस फैसले से का 5.6 अरब डॉलर के निर्यात पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा.
Commerce Secy Anup Washawan on US decision to withdraw India’s name from GSP program list: We have very deep routed ties with USA. All the issues in the trade domain are on the table for discussions. We will not compromise on affordability of medical devices.
— ANI (@ANI) March 5, 2019
वधावन ने यह भी कहा कि भारत सरकार को हमारे विकास और जन कल्याण संबंधी उद्देश्यों का भी ध्यान रखना होता है. हमारा प्रयास रहता है कि जन कल्याण से कोई समझौता किए बगैर मेडिकल उपकरणों के वहन करने लायक दाम को बनाये रखा जाये.
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे अमेरिका से गहरे रिश्ते हैं. व्यापारिक क्षेत्र के सभी मुद्दों पर विचार चल रहा है. हम मेडिकल उपकरणों के उचित मूल्य के बारे में कोई समझौता नहीं करेंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)