मीडिया में चल रहे इस आॅडियो क्लिप को कथित रूप से माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ऑफ सीपीआई (माओवादी) द्वारा जारी बताया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के सुकमा हमले के बाद माओवादियों की ओर से एक ऑडियो जारी किया गया है. मीडिया में चल रहे इस आॅडियो क्लिप को कथित रूप से माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ऑफ सीपीआई (माओवादी) द्वारा जारी बताया जा रहा है.
इसमें माओवादियों के प्रवक्ता विकल्प ने कहा है कि नक्सलियों ने यह हमला सुरक्षा बलों की ओर से की जा रही कार्रवाई के विरोध में किया गया है.
द हिंदू अखबार के मुताबिक, ऑडियो में कहा गया है कि हमले का संबंध आदिवासियों महिलाओं के यौन शोषण से है. इसमें दावा किया गया है कि भारतीय फोर्स के लोग आदिवासी महिलाओं का यौन शोषण करते हैं. यह हमला आदिवासी महिलाओं की गरिमा और सम्मान के लिए था.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ऑडियो में दावा किया गया है कि उन लोगों ने ही 11 मार्च और 24 अप्रैल को सीआरपीएफ के जवानों पर हमले किए. ये हमले फासीवादी सरकार और ऑपरेशन ग्रीन हंट का जवाब देने के लिए किए गए थे.
एनडीटीवी के मुताबिक माओवादियों का कहना है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ में मारे गए नौ माओवादियों और फिर ओडिशा में कथित रूप से 9 ग्रामीणों समेत कुल 21 लोगों के मारे जाने के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है.
अपने करीब 6 मिनट के ऑडियो बयान में माओवादी प्रवक्ता ने सुरक्षा बलों के शव क्षत-विक्षत किए जाने का खंडन किया है. हमले के बाद घटनास्थल पर मीडिया से बात करते हुए सीआरपीएफ के डीआईजी ने कहा था कि जवानों के शवों को क्षत-विक्षत किया गया, लेकिन नक्सलियों ने इस तरह की कार्रवाई से इनकार किया और कहा कि वह शवों का अपमान नहीं करते.
हालांकि अभी तक इस ऑडियो क्लिप की किसी सरकारी एजेंसी की तरफ से पुष्टि नहीं की गई है. द वायर इस आॅडियो की सत्यता का दावा नहीं करता है.