दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष करतारपुर साहिब कॉरिडोर का संचालन जल्द से जल्द शुरू करने की दिशा में काम करने को सहमत हुए. अगली बैठक 2 अप्रैल 2019 को वाघा पर करने की सहमति बनी है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के करतारपुर शहर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ने वाला गलियारा बनाने के लिए तौरतरीकों को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने पंजाब में बृहस्पतिवार को एक बैठक की.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला होने, इसके बाद आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित शिविरों पर भारत की ओर से हवाई हमला किए जाने और फिर पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है.
इस तनाव के बीच करतारपुर गलियारा मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की यह पहली बैठक अटारी वाघा सीमा के भारतीय हिस्से में हुई.
भारतीय पक्ष में केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, बीएसएफ, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पंजाब सरकार के प्रतिनिधि शामिल हुई.
भारतीय दल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने किया जबकि पाकिस्तान की 18 सदस्यीय दल का नेतृत्व पाकिस्तान के विदेश मामलों के मंत्रालय के महानिदेशक (दक्षिण एशिया एवं सार्क) मोहम्मद फैजल ने किया.
Respecting the sentiments of the people
Talks concluded on various aspects and provisions of the operationalisation of #KartarpurCorridor on the occasion of 550th Birth Anniversary of Guru Nanak Dev ji
Joint Press Statement at https://t.co/80pHULecY7 pic.twitter.com/zUaaTYcajH— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 14, 2019
दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, अटारी में हुई यह बैठक बेहद ही दोस्ताना माहौल में हुई.
बयान में कहा गया, ‘दोनों पक्षों के बीच विभिन्न मुद्दों और प्रस्तावित समझौते के प्रावधानों पर विस्तृत और सकारात्मक वार्ता हुई. दोनों पक्ष करतारपुर साहिब कॉरिडोर का संचालन जल्द से जल्द शुरू करने की दिशा में काम करने को लेकर सहमत हुए.’
बयान में कहा गया, प्रस्तावित कॉरिडोर के समझौते और अन्य विषयों पर दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञों में भी चर्चा हुई. अगली बैठक 2 अप्रैल 2019 को वाघा पर करने की सहमति बनी है.
दास ने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया कि वह कॉरिडोर को खुलने की मंजूरी दे और परियोजना के पहले चरण के तहत शुरुआत में कम से कम पांच हजार श्रद्धालुओं की व्यवस्था करने पर जोर दिया. इसमें न केवल भारतीय लोगों बल्कि भारतीय मूल के लोगों को भी शामिल किया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया है कि करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ी भावनाओं को देखते यह बिल्कुल वीजा मुक्त होना चाहिए. किसी भी तरह का अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगकर प्रक्रियाओं को बोझिल नहीं बनाना चाहिए.’
SCL Das, Joint Secy, MHA on India-Pakistan meeting on Kartarpur: We have also emphasised from our side that in the spirit of Kartarpur corridor, it should be absolutely visa free. There should not be any addl encumbrances in the form of any additional documentation or procedures. pic.twitter.com/PGscP2g2En
— ANI (@ANI) March 14, 2019
पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान ऐतिहासिक गुरद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने के लिए करतारपुर गलियारे का निर्माण करने पर सहमत हुए थे. गुरद्वारा दरबार साहिब में सिख पंथ के संस्थापक गुरू नानकदेव ने अपना आखिरी समय व्यतीत किया था.
करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है. रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरद्वारे से दूरी करीब चार किमी है.
गलियारे के निर्माण के बाद भारतीय सिख श्रद्धालु वीजा के बिना ही करतारपुर स्थित गुरद्वारा दरबार साहिब की यात्रा कर सकेंगे. पाकिस्तान ने इस साल नवंबर में गुरू नानक देव की 550वीं जयंती पर गलियारे को खोलने के लिए प्रतिबद्धता जताई है.
भारत के उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पिछले साल 26 नवंबर को गुरदासपुर जिले में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी थी. दो दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 125 किमी दूर, नरोवाल में गलियारे की आधारशिला रखी.
पंजाब के मंत्रिमंडल ने डेरा बाबा नानक तथा इसके आसपास के हिस्से के सौंदर्यीकरण एवं विकास के लिए डेरा बाबा नानक विकास प्राधिकरण के गठन के लिए एक विशेष प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा के भारतीय हिस्से में एक करतारपुर द्वार स्थापित करने का भी प्रस्ताव है. यह द्वार गुरू नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व (जयंती) मनाए जाने के प्रतीक के तौर पर स्थापित किया जाएगा.
प्रस्तावित यात्री टर्मिनल इमारत (पीटीबी) परिसर में, करतारपुर साहिब गुरद्वारा जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं होंगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)