न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ से पहले हुआ हमला. शहर के सभी स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद किए गए, आम जनता को घरों में रहने का निर्देश.
क्राइस्टचर्च: न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में शुक्रवार को हुई गोलीबारी में कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. गोलीबारी के समय बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी मस्जिद में प्रवेश करने वाले थे, जो इस हमले में बाल-बाल बच गए.
मस्जिदों में यह हमला शुक्रवार दोपहर को उस समय हुआ, जब भीड़ ज़ुमे की नमाज़ के लिए इकट्ठा थी. इस दौरान अज्ञात बंदूकधारियों ने दोनों मस्जिदों में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. बांग्लादेश क्रिकेट टीम के सदस्य भी मस्जिद में प्रवेश करने ही वाले थे.
पुलिस ने गोलीबारी के बाद तीन पुरुषों और एक महिला को हिरासत में ले लिया. इनमें से एक व्यक्ति पर बाद में हत्याओं का आरोप लगाया गया. इस घटना से देश की 50 लाख की आबादी में शोक की लहर है.
यह गोलीबारी मध्य क्राइस्टचर्च स्थित मस्जिद अल नूर और उपनगर लिनवुड में स्थित एक मस्जिद में की गई. मस्जिद अल नूर में 41 लोग मारे गए जबकि लिनवुड मस्जिद में 7 लोग मारे गए, वहीं 40 घायल लोगों में से एक व्यक्ति की मौत क्राइस्टचर्च में इलाज के दौरान हो गई.
Reuters: New Zealand Prime Minister Jacinda Ardern says 40 people have lost their lives; more than 20 people seriously injured in mosque shooting https://t.co/rc5BdUpBuU
— ANI (@ANI) March 15, 2019
प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इस गोलीबारी को ‘न्यूज़ीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक’ बताया. उन्होंने इसे हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए स्वीकार किया कि इसमें प्रभावित लोग या तो प्रवासी हैं या फिर शरणार्थी हैं.
प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही क़रार दिया जा सकता है. हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटना में और हमलावर शामिल हो सकते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा के स्तर को दूसरे सर्वोच्च स्तर तक ले जाया गया है.
न्यूज़ीलैंड पुलिस के आयुक्त माइक बुश ने कहा, ‘चार लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें एक महिला और तीन पुरुष हैं. हम इसके आसपास की परिस्थितियों पर नज़र बनाए हुए हैं. अभी यह सोचना ठीक नहीं होगा कि खतरा टल गया है.
Mike Bush, New Zealand Police on shooting at a mosque in Christchurch: Four people in custody; one woman, three men. We are still looking at the circumstances around it. Let’s not presume that the danger is gone. pic.twitter.com/7WMQMgH1r1
— ANI (@ANI) March 15, 2019
हालांकि अधिकारियों ने यह तो स्पष्ट नहीं किया कि किसको हिरासत में लिया गया है पर यह कहा कि इनमें से कोई भी व्यक्ति निगरानी सूची में नहीं है. एक व्यक्ति जिसने गोलीबारी की ज़िम्मेदारी ली है उसने शरणार्थी विरोधी 74 पृष्ठों का एक दस्तावेज़ छोड़ा है जिसमें उसने व्याख्या करते हुए कहा है कि वह कौन है और इस हमले की वजह क्या है. उसने कहा कि वह एक 28 साल का श्वेत ऑस्ट्रेलियाई है और नस्लवादी है.
जिस आदमी ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है, उसने कहा कि वह न्यूज़ीलैंड केवल इसलिए आया ताकि वह हमले की योजना तैयार कर सके और प्रशिक्षण दे सके. उसने कहा कि वह किसी संगठन का सदस्य नहीं है लेकिन उसका कई राष्ट्रवादी समूहों के साथ संबंध है.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने पुष्टि की है कि हिरासत में लिए गए चार लोगों में से एक ऑस्ट्रेलिया में जन्मा है.
पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा कि एक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया गया है. उन्होंने तीन अन्य संदिग्धों के बारे में नहीं बताया और यह भी नहीं कहा कि क्या दोनों जगहों पर हुए हमलों के लिए वही ज़िम्मेदार था.
प्रधानमंत्री अर्डर्न ने संवाददाता सम्मेलन में संभावित वजह के रूप में शरणार्थी विरोधी भावनाओं का हवाला देते हुए कहा कि गोलीबारी से प्रभावित हुए अधिकांश लोग या तो प्रवासी हैं या फिर शरणार्थी है. उन्होंने न्यूज़ीलैंड को अपना घर चुना और यह उनका घर है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे हमारे हैं. जहां तक संदिग्धों का प्रश्न है, वे ऐसे लोग हैं जिनके विचारों की व्याख्या अतिवादी विचारों के तौर पर की जाएगी, जिसका न्यूज़ीलैंड में कोई स्थान नहीं है.
पुलिस आयुक्त बुश ने बताया कि पुलिस ने कार में दो देसी विस्फोटकों का पता लगा लिया. इसे पहले कहा गया था कि कई वाहनों में इन्हें लगाया गया है.
मस्जिद में मौजूद एक फिलीस्तीनी शख्स ने बताया कि उसने एक व्यक्ति के सिर में गोली लगती देखी.
उसने कहा, ‘मुझे लगातार तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी और मुश्किल से 10 सेकंड बाद ही फिर से ऐसा हुआ. हमलावर के पास संभवत: स्वचालित हथियार होगा क्योंकि कोई इतनी जल्दी ट्रिगर नहीं दबा सकता.’
एक प्रत्यक्षदर्शी ने ‘रेडियो न्यूज़ीलैंड’ को बताया कि उसने गोलीबारी की आवाज़ सुनी और चार लोग जमीन पर पड़े थे और हर तरफ खून था.
पुलिस आयुक्त माइक बुश ने बताया कि गोलीबारी के कारण शहर के सभी स्कूलों को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है. स्थानीय कार्यालयों और केंद्रीय पुस्तकालय समेत शहर की इमारतों में भी किसी के अंदर जाने या वहां से बाहर आने पर रोक लगा दी गई है.
Entire team got saved from active shooters!!! Frightening experience and please keep us in your prayers #christchurchMosqueAttack
— Tamim Iqbal Khan (@TamimOfficial28) March 15, 2019
बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी तमीम इकबाल ने ट्वीट कर बताया कि हमारी पूरी टीम शूटर्स से बाल-बाल बची है. बहुत ही भयावह अनुभव रहा, कृपया हमारे लिए प्रार्थना करें.
बांग्लादेश की क्रिकेट टीम के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना में कोई खिलाड़ी हताहत नहीं हुआ है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, ‘वे सुरक्षित हैं, लेकिन सदमे में हैं. हमने टीम से होटल में रहने को कहा है.’
उन्होंने बताया कि पूरी टीम को बस में बैठाकर मस्जिद लाया गया था और जब गोलीबारी हुई, तब टीम मस्जिद में प्रवेश करने ही वाली थी. हमले के बाद आगामी टेस्ट मैच रद्द कर दिया गया है.
एक अन्य चश्मदीद लेन पेनेहा ने बताया कि उन्होंने एक व्यक्ति को काले कपड़े पहने मस्जिद में घुसते देखा और उसके बाद दर्जनों गोलियों के चलने की आवाज़ें सुनाई दीं. इससे घबराए हुए लोग मस्जिद में इधर-उधर भागने लगे. इसके बाद वह वहां से भागा और इस दौरान उसके हाथ से कुछ गिर गया जो शायद उसका स्वचालित हथियार था. तब वह मस्जिद की तरफ लोगों की मदद करने के लिए दौड़ पड़े.
चश्मदीद के अनुसार, हमलावर ने संभवत: एक लाइवस्ट्रीम वीडियो भी बनाया जिसमें इस भयावह कांड की वीभत्सता को दर्ज किया गया है. बंदूकधारी मस्जिद में करीब दो मिनट रहा और वहां मौजूद नमाज़ियों पर बार-बार गोलियां दागीं. यहां तक कि उसने पहले ही दम तोड़ चुके लोगों पर भी ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं.
उनके मुताबिक, वहां से वह सड़क पर निकला और पैदल चल रहे लोगों पर गोलियां बरसाईं. फिर वह वापस मस्जिद में गया और करीब दो दर्जन से अधिक लोग ज़मीन पर पड़े थे. वहां से फिर वह वापस आया और एक महिला को गोली मार दी और अपनी कार में आकर बैठ गया. उसकी कार में इंग्लिश रॉक बैंड ‘द क्रेजी वर्ल्ड ऑफ आर्थर ब्राउन’ का ‘फायर’ गीत बज रहा था. गीत में गायक गा रहा था, ‘आई एम द गॉड ऑफ हेलफॉयर’ (मैं नर्क की अग्नि का देवता हूं.) इसके बाद बंदूकधारी वहां से चला जाता है और वीडियो बंद हो जाता है.
पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा कि क्राइस्टचर्च और लिनवुड को निशाना बनाया गया और अगर वह हमलावर वहां पहुंच जाता तो एक तीसरी मस्जिद एश्बर्टन को भी निशाना बनाया जा सकता था. उसने कहा कि उसने न्यूजीलैंड को इसलिए चुना क्योंकि वह यह बताना चाहता था कि संसार का यह दूरदराज़ वाला क्षेत्र भी बड़े प्रवास के लिए सुरक्षित नहीं हैं.
मालूम हो कि न्यूजीलैंड को सामान्य तौर पर शरणार्थी और प्रवासी लोगों का स्वागत करने वाला देश माना जाता है. पिछले साल प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि शरणार्थियों का सालाना कोटा साल 2020 में एक हज़ार से बढ़ाकर डेढ़ हज़ार किया जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)