धन के दुरुपयोग के चलते बेदाग चुनाव कराना एक चुनौती: मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि साफ-सुथरा चुनाव कराना हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर तब जब धन का उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा रहा हो.

Ranchi: Chief Election Commissioner Sunil Arora after a review meeting with Jharkhand police officers and deputy commissioners to review the preparations for the upcoming Lok Sabha elections, in Ranchi, Wednesday, Jan. 30, 2019. (PTI Photo)(PTI1_30_2019_000125B)
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (फोटो: पीटीआई)

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि साफ-सुथरा चुनाव कराना हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर तब जब धन का उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा रहा हो.

Ranchi: Chief Election Commissioner Sunil Arora after a review meeting with Jharkhand police officers and deputy commissioners to review the preparations for the upcoming Lok Sabha elections, in Ranchi, Wednesday, Jan. 30, 2019. (PTI Photo)(PTI1_30_2019_000125B)
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि धन के दुरुपयोग के चलते स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.

अरोड़ा ने चुनाव को लेकर कई विभागों की समिति की बैठक से कहा, ‘चुनाव आयोग इस संकट से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव में खर्च की गई राशि पर नज़र रखने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं.’

अरोड़ा ने कहा, ‘पिछले कुछ समय में ख़र्च निगरानी तंत्र मजबूत हुआ है और हमारी प्रवर्तन टीमों ने बीते कई चुनावों में धन की लगातार बड़ी जब्ती की है.’

उन्होंने कहा, ‘धनबल के दुरुपयोग के चलते साफ-सुथरा चुनाव कराना हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर जब इसका उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा रहा हो.’

अरोड़ा ने आगामी लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए धनबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए खर्च की सीमा का पालन सुचिश्चित करने का निर्देश दिया.

उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसा, शराब एवं अन्य अवैध सामग्री के वितरण पर सख़्त निगरानी रखने के लिए सभी संबद्ध एजेंसियों को भी आवश्यक दिशानिर्देश दिए हैं.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मतदाताओं को लुभाने के लिए धन के दुरुपयोग पर नज़र रखने हेतु उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए हुई इस बैठक में कर बोर्डों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के अलावा चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

अरोड़ा ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सहित अन्य वित्तीय एजेंसियों के अधिकारियों को स्थानीय पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल कायम कर अवैध रूप से धनबल के इस्तेमाल की कोशिशों को नाकाम बनाने की जरूरत बल दिया.

अरोड़ा ने कहा कि केंद्र और राज्यों के स्तर पर विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच तैयार की गई कार्ययोजना को बेहतर तरीके से लागू कर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.

उन्होंने अधिकारियों से चुनाव के दौरान सीमावर्ती इलाकों में अवैध शराब की तस्करी, हथियारों और जाली मुद्रा के प्रसार आदि गतिविधियों पर लगातार पैनी नज़र रखने को कहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)