दिल्लीः भाजपा ने चुनाव आयोग से कहा, मस्जिदों पर विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करें 

भाजपा की दिल्ली इकाई का कहना है कि मस्जिदों के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करना इसलिए जरूरी है ताकि राजनीतिक और धार्मिक नेता लोगों के बीच नफरत फैला कर चुनाव को प्रभावित न कर सकें.

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नई दिल्ली स्थित जामा मस्जिद. (फाइल फोटो: पीटीआई)

भाजपा की दिल्ली इकाई का कहना है कि मस्जिदों के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करना इसलिए जरूरी है ताकि राजनीतिक और धार्मिक नेता लोगों के बीच नफरत फैला कर चुनाव को प्रभावित न कर सकें.

नई दिल्ली स्थित जामा मस्जिद. (फाइल फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली स्थित जामा मस्जिद. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर मस्जिदों, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की मस्जिदों के लिए विशेष पर्यवेक्षकों को नियुक्त करने का आग्रह किया है.

स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली भाजपा का कहना है कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है ताकि राजनीतिक और धार्मिक नेता लोगों के बीच नफरत फैला कर चुनाव को प्रभावित न कर सकें.

इस पत्र में प्रदेश भाजपा के कानून विभाग के संयोजक नीरज ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सदस्यों द्वारा धार्मिक आधारों पर मतदाताओं के ध्रुवीकरण के निरंतर प्रयासों के चलते हम आपको यह शिकायत करने पर विवश हुए हैं. इस मुद्दे पर आप की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.’

आप के नेताओं पर धार्मिक आधार पर मतदाताओं के ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए सीईओ से मस्जिदों पर विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करने का आग्रह किया है.

पत्र में कहा गया, ‘कई बार ऐसा देखा गया है कि ये भड़काऊ भाषण मस्जिदों में या इसके आसपास दिए गए हैं, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विशेष रूप से ज़ुमे के दिन इकट्ठा होकर नमाज़ अदा करते हैं, जो  इन नफ़रत भरे भाषणों का आसान शिकार बनते हैं.’

भाजपा ने कहा कि रमज़ान के दौरान मुस्लिमों को उकसाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करने की प्रबल संभावना है.

पार्टी ने कहा, ‘इस तरह की गतिविधियों पर न ही किसी का ध्यान जाता है और न ही इसकी जांच होती है क्योंकि अक्सर इस तरह के भाषण इन पवित्र स्थानों में पर्दे के पीछे दिए जाते हैं.’

पार्टी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और पर्यवेक्षकों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने की जरूरत है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)