ओडिशा के कालाहांडी ज़िले में स्थित वेदांता एल्युमिनियम रिफाइनरी के पास हुई हिंसक झड़प. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोग कंपनी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में अपने बच्चों का दाख़िला कराने और रिफाइनरी में युवकों को नौकरी देने की भी मांग कर रहे थे.
भवानीपटना/भुवनेश्वर: ओडिशा के कालाहांडी ज़िले के लांजीगढ़ में स्थित वेदांता एल्युमिनियम रिफाइनरी के पास हुए संघर्ष में भीड़ ने एक सुरक्षाकर्मी को ज़िंदा जला दिया जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई. नौकरी की मांग कर रहे स्थानीय लोगों ने सोमवार को रिफाइनरी के परिसर में घुसने की कोशिश की जिसके बाद संघर्ष भड़क गया.
पुलिस ने बताया कि ओडिशा औद्योगिक सुरक्षा बला (ओआईएसएफ) के कर्मचारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस भिड़ंत में 20 लोग जख़्मी भी हुए.
कालाहांडी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बी. गंगाधर ने बताया कि रेंगोपाली और आसपास के गांवों के निवासी लांजीगढ़ में रिफाइनरी के पास नौकरी एवं अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.
पुलिस ने बताया कि वे कंपनी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में अपने बच्चों का दाख़िला कराने और रिफाइनरी में स्थानीय युवकों को नौकरी देने की भी मांग कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रिफाइनरी परिसर में घुसने की कोशिश की लेकिन वहां तैनात ओआईएसएफ के कर्मचारियों ने उन्हें रोक लिया जिसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने लाठियों से भीड़ को खदेड़ा और करीब 20 लोग जख़्मी हो गए. बाद में एक घायल की अस्पताल में मौत हो गई.
उसकी पहचान दानी पत्रा (35) के तौर पर हुई है. वह छतरपुर गांव के रहने वाले थे.
एसपी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एल्युमिनियम संयंत्र के समुदाय सेवा केंद्र में तोड़फोड़ की और एक कमरे में ओआईएसएफ स्टाफ सुजीत कुमार मिंज को कमरे में बंद करके उसमें आग लगा दी.
एसपी. बी. गंगाधर ने बताया कि मिंज की जलने से मौत हो गई.
Kalahandi: Two dead and several injured after police lathicharged protesters at Vedanta Aluminium Plant earlier today. The protesters were demanding employment. The two dead- one protester and one Odisha Industrial Security Force (OISF) personnel succumbed to injuries later. pic.twitter.com/2LKRfOAXva
— ANI (@ANI) March 18, 2019
ओआईएसएफ के इंस्पेक्टर अशोक कुमार रोउल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि बताया, ‘हमारे स्टाफ पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. हमने बचाव में कदम उठाए. हमारी कोशिशों के बावजूद हिंसक प्रदर्शनकारी रुक नहीं रहे थे.’
घटना के बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है.
अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक एक प्रदर्शनकारी ने बताया, ‘हम शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे लेकिन पुलिस ने हमें जबरन मौके से हटाने की कोशिश की. जब हमने इसका विरोध किया तो हम पर लाठीचार्ज किया गया. जिसकी वजह से दानी बत्रा की मौत हो गई और बहुत से लोग घायल हो गए.’
महेश्वर पाटी नामक दूसरे प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि हिंसा तब भड़की जब कुछ पुलिसवालों ने प्रदर्शनकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक वेदांता की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘यह खबर सुनकर हमें गहरा शोक पहुंचा है. हम पीड़ित के परिवार के प्रति सांत्वना व्यक्त करते हैं. घटना की जांच कर रही प्रशासन के साथ हम पूरी तरह से सहयोग करेंगे.’
ओडिशा भाजपा इकाई ने वेदांता के सुरक्षाकर्मियों द्वारा मज़दूरों पर किए गए हमले को दुखद बताया. भाजपा ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने बेगुनाह मज़दूरों पर हमला किया और इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दो लोगों की मौत के पीछे राज्य सरकार और ओडिशा पुलिस को ज़िम्मेदार बताया है.
इंडियन एक्सप्रेस ने कंपनी की वेबसाइट के हवाले से बताया है कि वेदांता भारत में एल्युमिनियम उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. यह कंपनी प्रतिवर्ष 2.3 मिलियन टन एल्युमिनियम का उत्पादन करती है और भारत के एल्युमिनियम उद्योग पर कंपनी की 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स एक्ट 2012 के तहत ओआईएसएफ का गठन राज्य सरकार, निजी और सार्वजनिक कंपनियों की सुरक्षा के लिए किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)