जेट एयरवेज़ के चेयरमैन नरेश गोयल ने कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा कि वह कंपनी पर भरोसा बनाए रखें. नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज़ वित्तीय संकट मामले में अपने मंत्रालय के सचिव को आपात बैठक करने के निर्देश दिए.
मुंबई: जेट एयरवेज़ में आए वित्तीय संकट के बीच कंपनी के विमान रखरखाव इंजीनियरों के संघ ने विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपनी परेशानियों की जानकारी दी है.
इंजीनियरों के संघ ने डीजीसीए को पत्र लिखकर उड़ानों की सुरक्षा और उन्हें तीन माह से पगार नहीं मिलने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने केंद्र सरकार और डीजीसीए से मामले में दख़ल देने की मांग की है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जेट एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईडब्ल्यूए) ने डीजीसीए को लिखे पत्र में कहा है, ‘हमारे लिए अपनी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है. इसके परिणामस्वरूप विमान इंजीनियरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है और यह उनके काम को भी प्रभावित करता है. ऐसे में देश और विदेश में उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज़ के विमानों की सुरक्षा जोखिम में है.’
पत्र के मुताबिक, ‘जहां वरिष्ठ प्रबंधन कारोबार में समाधान के तौर-तरीके खोज रहा है. हम इंजीनियर पिछले सात माह से समय से वेतन नहीं मिलने से बहुत दबाव में हैं और विशेष तौर पर तीन महीने से तो हमें वेतन मिला ही नहीं है. हम विमानों की जांच करते हैं, उनकी मरम्मत करते हैं और यह प्रमाणित करते हैं कि विमान उड़ने लायक है या नहीं.’
क़र्ज़ के भारी बोझ से दबी जेट एयरवेज बड़ी संख्या में अपने विमानों को उड़ान भरने से रोक रही है. इस वजह से उसकी तमाम उड़ानें रद्द हो गई हैं. साथ ही वह भारी नकदी संकट का सामना भी कर रही है.
कंपनी पर वर्तमान में 8,200 करोड़ रुपये का ऋण बोझ है.
ख़स्ताहाल वित्तीय स्थिति के कारण जेट एयरवेज़ को कई विमान खड़े करने, कुछ स्टेशनों की यात्रा बंद करने और कमर्चारियों को वेतन देने में देरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
जेट एयरवेज़ पट्टे पर लिए विमानों का किराया नहीं चुका पाने के चलते अब तक 41 विमानों का परिचालन बंद कर चुकी है. कंपनी ने अबू धाबी से सभी उड़ानें भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी है.
Directed Secretary, @MoCA_GoI to hold an emergency meeting on grounding of flights by Jet Airways, Advance bookings, Cancellation, Refunds and Safety issues, if any. Asked him to get a report on Jet compliance issues immediately from DGCA. @jayantsinha
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) March 19, 2019
इसके बाद नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को जेट एयरवेज़ के मामले में अपने मंत्रालय के सचिव को आपात बैठक करने के निर्देश दिए.
प्रभु ने एक ट्वीट में कहा, ‘नागर विमानन सचिव को जेट एयरवेज़ के मामले में आपात बैठक करने के निर्देश दिए हैं. एडवांस बुकिंग, उड़ानों के रद्द होने, रिफंड और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए कहा.’
प्रभु ने कहा, ‘उनसे (सचिव) नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल जेट पर रपट मांगने को कहा गया है.’
मालूम हो कि जेट एयरवेज़ के पास डिबेंचर धारकों को ब्याज का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं है. कंपनी ने बीते सोमवार को यह जानकारी दी. जेट एयरवेज़ को 19 मार्च को डिबेंचर धारकों को भुगतान करना है.
जेट एयरवेज़ ने दूसरी बार विदेशी क़र्ज़ का भुगतान करने में चूक की है. इससे पहले वह 2 जनवरी को भुगतान नहीं कर पाई थी.
कंपनी ने यह नहीं बताया कि मंगलवार को उसे कितना ब्याज देना है और किस इस खाते पर कितना क़र्ज़ है.
जेट एयरवेज ने सोमवार को शेयर बाज़ार को दी सूचना में कहा, ‘नकदी को लेकर अस्थायी बाधाओं के चलते डिबेंचर धारकों को 19 मार्च, 2019 को दिए जाने वाले ब्याज के भुगतान में देरी होगी.’
जेट एयरवेज़ के पायलटों के निकाय की बैठक आज
जेट एयरवेज़ के घरेलू पायलटों के निकाय नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) की मंगलवार को मुंबई सालाना आम बैठक होने जा रही है. यह बैठक इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि हाल के समय में एयरलाइन का परिचालन घटा है. इसके अलावा वह अपने इंजीनियरों और पायलटों सहित अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों को तीन महीने से अधिक से वेतन नहीं दे पाई है.
एनएजी एयरलाइन के 1,000 घरेलू पायलटों का प्रतिनिधित्व करती है.
गिल्ड के एक सूत्र ने कहा, ‘हमारी सालाना आम बैठक मुंबई में होने जा रही है. बैठक में अन्य सामान्य मुद्दों के अलावा हम वेतन का भुगतान नहीं किए जाने पर भी चर्चा करेंगे.
पायलटों और कुछ अन्य वर्ग के कर्मचारियों को दिसंबर से वेतन नहीं मिला है.
नरेश गोयल ने कर्मचारियों को लिखा पत्र, समस्या के जल्द समाधान का भरोसा दिया
संकट से जूझ रही 25 साल पुरानी निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने सोमवार को अपने 16,000 कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा कि वह कंपनी पर भरोसा बनाए रखें.
उन्होंने कहा विमानन कंपनी में स्थिरता बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसकी कंपनी को इस समय बहुत ज़रूरत है. इसके साथ ही परिचालन को भी बहुत जल्द सुचारू बना लिया जाएगा.
कंपनी के 100 से अधिक विमानों के बेड़े में से बड़ी संख्या में विमान वर्तमान में ज़मीन पर खड़े हैं. इसकी वजह कंपनी का नकदी संकट बढ़ना है जिसके चलते वह पट्टे पर लिए गए विमानों का किराया चुकाने में विफल रही है.
गोयल ने कहा कि कंपनी की रणनीतिक साझेदार विमानन कंपनी एतिहाद एयरवेज़ के साथ बातचीत जारी है और भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के समूह से भी चर्चा की जा रही है. कंपनी में एतिहाद की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
गोयल ने कहा, ‘एक बार फिर मैं आप सबको आश्वस्त करता हूं कि मैं ख़ुद निजी तौर पर जल्द से जल्द इसका समाधान संभव बनाने और जितना जल्दी हो सके हमारे परिचालन के लिए अनिवार्य हो चुकी स्थिरता को बहाल करने के लिए भी प्रतिबद्ध हूं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)