दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रेस में फरवरी 2007 को पानीपत के नज़दीक हुए थे दो बम विस्फोट हुए थे. एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने एक पाकिस्तानी महिला द्वारा देश के गवाहों से पूछताछ की याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई विचारणीय मुद्दा नहीं है.
पंचकूला (हरियाणा): बुधवार को एनआईए की एक विशेष अदालत ने समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद और तीन अन्य को बरी कर दिया.
वर्ष 2007 में समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में 68 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. एक पाकिस्तानी महिला ने उसके देश के गवाहों से पूछताछ किये जाने के लिए एक याचिका दायर की थी.
बुधवार को पंचकूला की विशेष एनआईए अदालत ने असीमानंद समेत लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेंद्र चौधरी को बरी कर दिया गया है.
एनआईए के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस याचिका में कोई विचारणीय मुद्दा नहीं है.
एनआईए के वकील राजन मल्होत्रा ने बताया, अदालत ने सभी चारों आरोपियों नबा कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिन्दर चौधरी को बरी कर दिया.
गौरतलब है कि हरियाणा में पानीपत के निकट 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस में उस समय विस्फोट हुआ था, जब ट्रेन अमृतसर में अटारी की ओर जा रही थी, जिसमें 68 लोग मारे गए थे और 12 अन्य घायल हुए थे.
इनमें ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे. एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने इस संदर्भ में एक मामला दर्ज किया और जुलाई 2010 में इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी थी.
इस घटना के कथित षडयंत्रकर्ता सुनील जोशी की दिसंबर 2007 में मध्य प्रदेश के देवास जिले में उसके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बीते 16 अप्रैल को वर्ष 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में भी हैदराबाद की एक विशेष आतंक रोधी अदालत ने स्वामी असीमानंद और चार अन्य को बरी कर दिया था. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के ख़िलाफ़ एक भी आरोप साबित नहीं कर सका.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)