दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत में नायडू ने कहा कि सबके लिए जय हो, यही देशभक्ति है. अगर आप लोगों के साथ धर्म, जाति, शहरी-ग्रामीण विभाजन के आधार पर भेदभाव करते हैं तो आप भारत माता की जय नहीं बोल रहे हैं.
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रवाद को व्यक्त करने का मतलब ‘भारत माता की जय’ कहना नहीं है और उन्होंने युवाओं से धर्म, जाति और शहरी विभाजन के आधार पर लोगों से भेदभाव करने से बचने के लिए कहा.
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत में नायडू ने कहा, ‘राष्ट्रवाद का मतलब भारत माता की जय नहीं है. सबके लिए जय हो, यही देशभक्ति है. अगर आप लोगों के साथ धर्म, जाति, शहरी-ग्रामीण विभाजन के आधार पर भेदभाव करते हैं तो आप भारत माता की जय नहीं बोल रहे हैं.’
एएनआई की ख़बर के मुताबिक, नायडू ने कहा कि युवाओं को एक ‘नए भारत’ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो भ्रष्टाचार, अशिक्षा, भय, भ्रष्टाचार, भूख और जाति बाधाओं से मुक्त हो. उन्होंने कहा, ‘पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करना सीखें, नकारात्मकता को दूर करें, सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करें, सामाजिक रूप से कर्तव्यनिष्ठ, शांतिप्रिय और स्नेही बनें.’
Vice President M Venkaiah Naidu: Nationalism does not mean 'Bharat Mata ki Jai', 'jai ho' to that photo. Sabke liye jai ho, that's patriotism. If you discriminate people on the basis of religion, caste, urban-rural divide then you are not saying 'Bharat Mata ki Jai Ho'. (23.3.19) https://t.co/TzeMeMADv3
— ANI (@ANI) March 23, 2019
उन्होंने आगे कहा, ‘सामाजिक कुरीतियों, कट्टरता, पूर्वाग्रहों के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहना चाहिए और लैंगिक समानता और समग्रता को बढ़ावा देना चाहिए.’ नायडू ने कहा कि भविष्य उन व्यक्तियों का है जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं और बेहतर कल बनाने के लिए साहस, लचीलापन और क्षमता रखते हैं.’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों से भारत लगातार 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर हासिल कर रहा है, आने वाले 10-15 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है. एक समावेशी और समृद्ध भारत का निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए और राम राज्य की तरफ आगे बढ़ना चाहिए.’
इस बात को स्वीकार करते हुए कि ज्ञान भारतीय अर्थव्यवस्था का चालक होगा, नायडू ने उच्च शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसे सुधारने का आह्वान किया.
Vice President: There are a lot of opportunities awaiting us. Youngsters must seize this opportunity&strive to build up a New India free of fear, corruption, hunger, discrimination, illiteracy, poverty, caste barriers&urban-rural divide. That's the New India we want to see.(23.3) pic.twitter.com/ywc2CpiC4T
— ANI (@ANI) March 23, 2019
उन्होंने कहा, ‘शिक्षा व्यवस्था में बदलाव करके औपनिवेशिक मानसिकता को पूरी तरह से समाप्त करना चाहिए और वास्तविक इतिहास, प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और विरासत को सिखाया जाना चाहिए और छात्रों में राष्ट्रीयता के मूल्यों को स्थापित किया जाए.’
नायडू ने भारत के जनसांख्यिकीय पर विचार करने का भी फैसला किया, जिससे युवाओं को पर्याप्त कौशल और ज्ञान प्रदान किया जा सके और उन्हें नौकरी चाहने वालों के बजाय रोजगार सृजक बनने में मदद मिल सके.