शादमान चौक पर 23 मार्च 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर चढ़ाया था. उस दौरान यह चौक एक जेल का हिस्सा था.
नई दिल्ली: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की 88वीं शहीदी दिवस पर पाकिस्तान के लाहौर में स्थित शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह चौक कर दिया गया. इसी चौक पर 23 मार्च 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें फांसी पर चढ़ाया था. उस दौरान यह चौक एक जेल का हिस्सा था.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, महिला और बच्चों सहित उनके प्रशंसकों ने शनिवार को भगत सिंह चौक पर हाथों में मोमबत्तियां लेकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वहां पर ‘भगत सिंह जिंदा है’ और ‘शहीद भगत सिंह तेरी सोच ते, पहरा देयेंगे ठोक के’ जैसे नारे लगे.
शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक करने की मुहिम भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने शुरू की थी. इस फाउंडेशन को इम्तियाज राशिद कुरैशी चलाते हैं. इस संबंध में उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट में एक याचिका भी लगाई थी.
कुरैशी की याचिका पर लाहौर हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में लाहौर के मेयर को आदेश दिया था कि वे चौक का नाम बदलने का फैसला लें. हालांकि फिलहाल इस संबंध में लाहौर प्रशासन ने कोई आधिकारिक अधिसूचना नहीं जारी की है.
कुरैशी ने बताया, ‘एक बड़े बदलाव के तहत लाहौर के जिला प्रशासन ने पहली बार अपने आधिकारिक दस्तावेजों में शादमान चौक को भगत सिंह चौक की मान्यता दी है. इसके साथ ही उन्होंने भगत सिंह और उनके साथियों का ज़िक्र महान क्रांतिकारी नेता के रूप में किया है.’
21 मार्च को लाहौर उपायुक्त के कार्यालय द्वारा जारी किए गए एक पत्र में शनिवार को हुई श्रद्धांजलि सभा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का आदेश दिया था.
लाहौर के अतिरिक्त उपायुक्त (मुख्यालय) ने लिखा, ‘मुझे यह अनुरोध करने के लिए निर्देशित किया गया है कि महान क्रांतिकारी नेताओं भगत सिंह और उनके साथी राज गुरु और सुखदेव की 88वीं वर्षगांठ के लिए शनिवार 23 मार्च, 2019 को भगत सिंह चौक (शादमान चौक), लाहौर में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.’
कुरैशी ने कहा, ‘पिछले साल फरवरी में डाली गई हमारी याचिका पर लाहौर हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में लाहौर के मेयर को आदेश दिया था कि इस मामले में वह फैसला लें. तब से यह पहली बार है जब पाकिस्तान सरकार और लाहौर जिला प्रशासन ने किसी आधिकारिक दस्तावेज ने शादमान चौक को भगत सिंह चौक की मान्यता दी है.’
उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के तनाव के बीच पाकिस्तान में रहने वाले भगत सिंह के प्रशंसकों के लिए यह बड़ी खबर है जो उनके मूल्यों और शिक्षा को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं.हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही एक आधिकारिक अधिसूचना जारी करके इस चौक के नाम के बदलाव की घोषणा की जाएगी. हम चौक पर तीनों शहीदों की मूर्तियां लगवाने का प्रयास भी कर रहे हैं क्योंकि यह पाकिस्तान के आवाम की मांग है.’