मुरली मनोहर जोशी से कहा गया, मोदी-शाह नहीं चाहते कि आप लोकसभा चुनाव लड़ें

ये संदेश पार्टी के महासचिव राम लाल ने सोमवार को जोशी को दिया. मुरली मनोहर जोशी ने एक पत्र जारी कर इसकी पुष्टि की है. अब ऐसा माना जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी के बाद भाजपा जोशी का भी टिकट काट देगी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी. (फोटो: पीटीआई)

ये संदेश पार्टी के महासचिव राम लाल ने सोमवार को जोशी को दिया. मुरली मनोहर जोशी ने एक पत्र जारी कर इसकी पुष्टि की है. अब ऐसा माना जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी के बाद भाजपा जोशी का भी टिकट काट देगी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी. (फोटो: पीटीआई)
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक और कानपुर से संसद सदस्य, मुरली मनोहर जोशी को कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह नहीं चाहते हैं कि वह फिर से चुनाव में खड़े हों.

ये संदेश पार्टी के महासचिव राम लाल ने सोमवार को जोशी को दिया. मुरली मनोहर जोशी ने एक पत्र जारी कर इसकी पुष्टि की है. अब ऐसा माना जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी के बाद भाजपा जोशी का भी टिकट काट देगी.

हालांकि जोशी ने चुनाव न लड़ने से इनकार किया है. जोशी ने राम लाल से कहा कि वह कोई भी घोषणा नहीं करेंगे और वह कानपुर से सांसद के रूप में चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. सूत्रों का कहना है कि जोशी ने राम लाल से कहा कि यह उनके लिए बहुत बड़ा अपमान है कि मोदी और शाह ने उन्हें संदेश देने के लिए इस्तेमाल किया जो उन्हें खुद बताना चाहिए था.

बातचीत से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जोशी ने कहा, ‘वे किस चीज से डरते हैं? वे मुझसे सामना क्यों नहीं कर सकते?’ 2014 के चुनाव में, जोशी ने मोदी के लिए अपनी वाराणसी सीट छोड़ दी थी और फिर 57% वोट हासिल करके एक रिकॉर्ड अंतर से कानपुर जीता था.

भाजपा मीडिया को बता रही है कि 2014 के चुनाव के बाद मार्गदर्शक मंडल में शामिल होने वाले सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस बार लोकसभा के लिए नहीं लड़ने का फैसला किया है, जिसमें आडवाणी और शांता कुमार भी शामिल हैं, जिनसे भी राम लाल ने मुलाकात की थी.

Murli Manohar Joshi
मुरली मनोहर जोशी का पत्र.

आडवाणी के विपरीत, भौतिकी के पूर्व प्रोफेसर जोशी आरएसएस के पसंदीदा व्यक्ति हैं और बताया जा रहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत मोदी-शाह के इस कदम से बेहद परेशान हैं.

संसद की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष जोशी ने अपने रिपोर्ट के जरिए कई बार मोदी सरकार को शर्मिंदा किया है. रक्षा तैयारियों, गंगा की सफाई और बैंकिंग एनपीए पर उनकी रिपोर्ट मोदी सरकार के लिए काफी दिक्कत भरी रही.  जोशी ने पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई बड़े फ्रॉड करने वाले लोगों की सूची पर भी काफी सख्त रवैया अपनाया था.

कानपुर से टिकट काटना शायद जोशी की आलोचनात्मक रिपोर्टों के लिए सजा है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘भाजपा के संस्थापकों के साथ व्यवहार करने का यह कोई तरीका नहीं है. उन्हें सचमुच बाहर निकाल दिया जा रहा है. मोदी और शाह ने एक खतरनाक मिसाल कायम की है और बाद में उन्हें इसी का सामना करना पड़ेगा.’

मालूम हो कि सुषमा स्वराज और उमा भारती जैसे बड़े नेताओं ने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है.