हैदराबाद के एक कारोबारी का आरोप है कि भाजपा महासचिव पी. मुरलीधर राव और उनके साथियों ने 2.17 करोड़ रुपये लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में लाभ का पद दिलाने का वादा किया था. साथ ही तत्कालीन वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के जाली दस्तख़त वाला एक नियुक्ति पत्र भी दिखाया था.
हैदराबादः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव पी. मुरलीधर राव समेत 8 अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मंगलवार को हैदराबाद पुलिस ने मामला दर्ज किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के फर्जी हस्ताक्षर दिखाकर एक कारोबारी से करोड़ों रुपये ठगने का आरोप है.
हैदराबाद के एक कारोबारी महिपाल रेड्डी की पत्नी टी. प्रवर्णा रेड्डी (41) की शिकायत के आधार पर सूरजनगर पुलिस थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया गया.
आरोप है कि इन्होंने हैदराबाद के एक प्रॉपर्टी डीलर को केंद्र सरकार में नॉमिनेटेड पोस्ट (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली फार्मा एग्जाइल के अध्यक्ष का पद) दिलाने के नाम पर पैसे लिए.
पीड़ित का कहना है कि उसे तत्कालीन वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के दस्तखत वाला नियुक्ति पत्र दिखाकर पैसे लिए गए थे.
हालांकि, राव ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है.
The timing of the private complaint which has no base is mischievous to say the least.
Hope police will act quickly to nail the lies.
My lawyers will initiate appropriate steps to bring the culprits to justice.
(2/2)— P Muralidhar Rao (@PMuralidharRao) March 26, 2019
उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन मेरा इस मौजूदा विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. जिस एफआईआर में मुझे बार-बार घसीटा जा रहा है, वह वास्तव में अदालत में एक निजी शिकायत का ही हिस्सा है, जिसमें शिकायतकर्ता खुद भी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.’
पुलिस ने सभी नौ आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) ,420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाज़ी), 471 (जालसाज़ी), 506 (आपराधिक गतिविधि) और 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने नियुक्ति पत्र देने में देरी की, जिसके बाद दंपति ने पैसे वापस मांगे, जिस पर मुरलीधर राव ने उन्हें कथित तौर पर धमकी दी.
इसके बाद भाजपा के एक नेता ने दंपति से संपर्क साधा और उन्हें पैसे वापस करने का वादा किया और उन्हें हस्ताक्षर किए हुए चेक भी सौंपे लेकिन पैसे उन्हें नहीं मिले.
दिल्ली की साइबर अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया है और सितंबर 2016 में पीड़ितों के बयान रिकॉर्ड किए थे. अब दंपति ने रंगारेड्डी जिला अदालत का रुख किया है.