भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी ने ब्लॉग लिखकर कहा कि भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सम्मान है. भाजपा ने राजनीतिक रूप से असहमति जताने वालों को कभी दुश्मन नहीं माना बल्कि प्रतिद्वन्द्वी ही माना.
नई दिल्लीः भाजपा के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को ब्लॉग लिखकर कहा कि उनकी पार्टी ने राजनीतिक रूप से असहमति जताने वालों को कभी राष्ट्र विरोधी नहीं माना.
सरकार का विरोध करने वाले राजनीतिक स्वरों को राष्ट्र विरोधी करार देने के चलन को लेकर छिड़ी बहस के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी काफी महत्व रखती है.
आडवाणी ने ‘नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ लास्ट (सबसे पहले राष्ट्र, फिर पार्टी, स्वयं अंत में) शीर्षक से अपने ब्लॉग में कहा, ‘भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सम्मान है. अपनी स्थापना के समय से ही भाजपा ने राजनीतिक रूप से असहमति जताने वालों को कभी दुश्मन नहीं माना बल्कि प्रतिद्वन्द्वी ही माना.’
http://blog.lkadvani.in/nation-first-party-next-self-last/
उन्होंने कहा, ‘इसी प्रकार से राष्ट्रवाद की हमारी धारणा में हमने राजनीतिक रूप से असहमत होने वालों को राष्ट्र विरोधी नहीं माना. पार्टी व्यक्तिगत एवं राजनीतिक स्तर पर प्रत्येक नागरिक की पसंद की स्वतंत्रता को प्रतिबद्ध रही है.’
उन्होंने लिखा, ‘6 अप्रैल को भाजपा अपना स्थापना दिवस मनाएगी. भाजपा में हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है कि हम पीछे देखें, आगे देखें और भीतर देखें. बीजेपी के संस्थापकों में से एक के रूप में मैंने भारत के लोगों के साथ अपने अनुभवों को साझा करना अपना कर्तव्य समझा है. खासतौर पर मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के साथ. दोनों ने मुझे बहुत स्नेह और सम्मान दिया है.’
आडवाणी ने गांधीनगर के लोगों के प्रति आभार जताया. जिन्होंने 1991 के बाद से छह बार उन्हें चुनकर लोकसभा भेजा.
लालकृष्ण आडवाणी को इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया है और उनकी पारंपरिक गांधीनगर सीट से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं.
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी के भीतर और वृहद राष्ट्रीय परिदृश्य में लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा भाजपा की विशिष्टता रही है. इसलिए भाजपा हमेशा मीडिया समेत सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और उनकी मजबूती को बनाये रखने की मांग में सबसे आगे रही है.
पूर्व उपप्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक एवं चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता सहित चुनाव सुधार भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति के लिए उनकी पार्टी की एक अन्य प्राथमिकता रही है.
उन्होंने कहा, ‘संक्षेप में पार्टी के भीतर और बाहर सत्य, निष्ठा और लोकतंत्र के तीन स्तंभ संघर्ष से मेरी पार्टी के उद्भव के मार्गदर्शक रहे हैं. इन मूल्यों का सार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और स्वराज में निहित है जिस पर मेरी पार्टी अडिग रही है.’
आडवाणी ने कहा कि आपातकाल के खिलाफ अभूतपूर्व संघर्ष इन मूल्यों का प्रतीक रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि सब समग्र रूप से भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूती प्रदान करें.
आडवाणी ने 2015 के बाद पहली बार अपने ब्लॉग पर कोई पोस्ट डाली है.
Advani Ji perfectly sums up the true essence of BJP, most notably the guiding Mantra of ‘Nation First, Party Next, Self Last.’
Proud to be a BJP Karyakarta and proud that greats like LK Advani Ji have strengthened it. https://t.co/xScWuuDuMq
— Narendra Modi (@narendramodi) April 4, 2019
आडवाणी के इस ब्लॉग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘आडवाणी जी ने सच्चे अर्थों में भाजपा का अर्थ जाहिर किया है. सबसे गौर करने योग्य वह मंत्र, जिससे भाजपा चलती है, नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ लास्ट है. भाजपा का कार्यकर्ता होने पर मुझे गर्व है और इस बात पर गर्व है कि लालकृष्ण आडवाणी जी जैसे महान व्यक्तित्व ने इसे मजबूती प्रदान की.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)