इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया कि कोर्ट के गलियारों से गुजरते या अपने चैंबर्स में जाते जजों को देखकर नहीं रुकना उनका अपमान है.
इलाहाबादः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारियों के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे जजों को गैलरी में देखते ही जहां के तहां रुक जाएं और उनके जाने के बाद ही वहां से जाएं.
हाईकोर्ट प्रशासन ने तीन अप्रैल 2019 को जारी सर्कुलर में कहा है कि इस तरह जजों को देखकर नहीं रुकना उनका अपमान है.
इस संबंध में जारी सर्कुलर के अनुसार, ‘हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने इस बात का संज्ञान लिया है कि माननीय जज जब अपने चैंबर या कोर्ट रूम में जा रहे होते हैं तो गैलरी से गुजर रहा स्टाफ उन्हें देखकर रुकता नहीं है. स्टाफ लॉर्डशिप के गुजरने का इंतजार नहीं करता. यह स्पष्ट तौर पर उनके लिए असम्मान का प्रदर्शन है. इसलिए यह आदेश दिया जाता है कि जब जज गैलरी से गुजर रहे हों तो उन्हें देखते ही अधिकारी या स्टाफ वहीं रुक जाएं.’
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सर्कुलर में कहा गया है, ‘ऐसा अक्सर देखा गया है कि माननीय जज जब भी कोर्ट के गलियारों से गुजरते हैं या अपने चैंबर्स में जाते हैं तो रास्ते में मिलने वाले कर्मचारी या अधिकारी उन्हें देखकर रुकते नहीं हैं. वे उनके वहां से निकल जाने तक का इंतजार नहीं करते. यह स्पष्ट तौर पर उनका असम्मान करना माना जाएगा.’
आगे कहा गया, ‘ऐसे में कर्मचारियों और अधिकारियों को आदेश दिया जाता है कि जब कोर्ट के गलियारों से जज गुजरें, तब वे लोग वहीं ठहर जाएं और उनका सम्मान करें. अगर इस आदेश का पालन नहीं हुआ तो इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा.’
यह सर्कुलर रजिस्ट्रार ने जारी किया है. सर्कुलर में चेतावनी दी गई है कि यदि मामले में किसी भी कोताही को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा. इस सर्कुलर की कॉपी इलाहाबाद हाईकोर्ट के सभी स्टाफ को दे दी गई है.