वरुण गांधी ने कई बार कहने के बावजूद 38 हज़ार रुपये का बिल नहीं चुकाया: बीएसएनएल

भाजपा नेता वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव मैदान में हैं. वरुण पर टेलीफोन बिल का यह बकाया 2009 से 2014 के बीच पीलीभीत का सांसद रहने के दौरान का है. नियमों के अनुसार, उम्मीदवार को नामांकन के साथ सरकारी विभागों से मिला अनापत्ति पत्र जमा करना पड़ता है, इसके बिना उसका नामांकन रद्द हो सकता है.

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Ahmedabad: BJP MP Feroze Varun Gandhi addresses at IIMA during a talk show on 'A rural manifesto: Realising India's future through villages', in Ahmedabad, Friday, Nov. 30, 2018. (PTI Photo/Santosh Hirlekar)(PTI11_30_2018_000189B)
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सासंद वरुण गांधी. (फोटो: पीटीआई)

भाजपा नेता वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव मैदान में हैं. वरुण पर टेलीफोन बिल का यह बकाया 2009 से 2014 के बीच पीलीभीत का सांसद रहने के दौरान का है. नियमों के अनुसार, उम्मीदवार को नामांकन के साथ सरकारी विभागों से मिला अनापत्ति पत्र जमा करना पड़ता है, इसके बिना उसका नामांकन रद्द हो सकता है.

Ahmedabad: BJP MP Feroze Varun Gandhi addresses at IIMA during a talk show on 'A rural manifesto: Realising India's future through villages', in Ahmedabad, Friday, Nov. 30, 2018. (PTI Photo/Santosh Hirlekar)(PTI11_30_2018_000189B)
भाजपा नेता वरुण गांधी (फोटो: पीटीआई)

पीलीभीत: भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने टेलीफोन के 38 हज़ार रुपये का बिल नहीं चुकाया है. सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने पीलीभीत ज़िला चुनाव अधिकारी को इस बारे में पत्र लिखकर वरुण गांधी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के बारे में पूछा है.

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से निवर्तमान भाजपा सांसद इस बार के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत सीट से मैदान में हैं.

बीएसएनएल की ओर से कहा गया है कि टेलीफोन का यह बिल 2009 से 2014 के बीच के दौरान उनके सांसद रहने के दौरान का है. कंपनी ने कहा है कि वरुण गांधी को कई बार कहने के बावजूद यह बिल नहीं चुकाया गया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग को बीएसएनएल की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है, ‘38,616 रुपये का यह बिल साल 2009 से 2014 के बीच वरुण गांधी के कार्यकाल के दौरान उनके संसदीय कार्यालय में लगे फोन का है.’

सरकारी टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनी बीएसएनएल की ओर कहा गया है, ‘लोकसभा सचिवालय से कई बार पत्र व्यवहार के बाद ऐसा लगता है कि बकाया बिल टेलीफोन से जुड़ी ब्रॉडब्रैंड सेवाओं का है, जिसे सांसद को ख़ुद भरना होता है.’

रिपोर्ट के अनुसार, वरुण गांधी ने पीलीभीत लोकसभा सीट से बीएसएनएल के ज़िला कार्यालय से जारी अनापत्ति पत्र के बिना ही अपना नामांकन दाख़िल कर दिया है.

हर उम्मीदवार को लोकसभा क्षेत्र के सभी सरकारी विभागों की ओर से जारी अनापत्ति पत्र के साथ चुनाव आयोग में नामांकन पत्र दाख़िल करना होता है. अगर उम्मीदवार नियमों को पूरा नहीं कर पाता है तो चुनाव आयोग उसका नामांकन रद्द कर सकता है.

वरुण गांधी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर सीट से जीत दर्ज की थी. इस बार भाजपा ने उन्हें पीलीभीत से टिकट दिया है, जो कि उनकी मां और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का संसदीय क्षेत्र है. मेनका गांधी इस बार सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं.