प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे जस्टिस कर्णन

सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले जस्टिस सीएस कर्णन को जून 2017 में सेवानिवृत्ति के बाद छह महीने की जेल की सज़ा काटनी पड़ी थी. वाराणसी के साथ उन्होंने मध्य चेन्नई लोकसभा सीट के लिए भी अपना नामांकन दाख़िल किया है.

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Chennai: Former Kolkata High Court Judgec Justice CS Karnan being taken by West Bengal police to that city at the airport in Chennai on Wednesday. He was arrested yesterday night from Coimbatore. PTI Photo by R Senthil Kumar(PTI6_21_2017_000105B)

सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले जस्टिस सीएस कर्णन को जून 2017 में सेवानिवृत्ति के बाद छह महीने की जेल की सज़ा काटनी पड़ी थी. वाराणसी के साथ उन्होंने मध्य चेन्नई लोकसभा सीट के लिए भी अपना नामांकन दाख़िल किया है.

सेवानिवृत्त जस्टिस सीएस कर्णन. (फोटो: पीटीआई)
सेवानिवृत्त जस्टिस सीएस कर्णन. (फोटो: पीटीआई)

चेन्नई: मद्रास और कलकत्ता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस सीएस कर्णन वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है.

नवभारत टाइम्स के अनुसार, 63 साल के सेवानिवृत्त जस्टिस ने बताया, ‘मैंने मोदी के खिलाफ वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. अब मैं वाराणसी में अपना नामांकन दाखिल करने के लिए काम कर रहा हूं.’

वह पहले ही मध्य चेन्नई लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं और वाराणसी उनका दूसरा निर्वाचन क्षेत्र होगा.

बता दें कि कर्णन ने 2018 में ऐंटी-करप्शन डाइनैमिक पार्टी (एसीडीपी) का गठन किया था, जिसके उम्मीदवार के रूप में उन्होंने अपना पर्चा दाखिल किया.

कर्णन अदालत की अवमानना के लिए दोषी पाए जाने वाले पहले आसीन न्यायाधीश थे. उन्हें जून 2017 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद छह महीने की जेल की सजा काटनी पड़ी थी.

ग़ौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों के ख़िलाफ़ लिखे गए न्यायमूर्ति कर्णन के कई पत्रों पर स्वत: संज्ञान लिया था. जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

इस संबंध में उन्होंने सीबीआई को आदेश दिया था कि मामले की जांच की जाए और इसकी रिपोर्ट संसद को सौंपी जाए.

इन आरोपों के जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने इसे अदालत की आवमानना बताया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सात जजों की एक खंडपीठ गठित की, जिसने जस्टिस कर्णन के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना से जुड़ी कार्रवाई शुरू की.

इस सुनवाई के दौरान जस्टिस कर्णन सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश से लगातार टकराव मोल लेकर आदेशों का पालन नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने अदालती कार्रवाई का सामना करने के लिए उन्हें दो बार पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन जस्टिस कर्णन ने इस आदेश को अनसुना किया और कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे.

इससे पहले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनान लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. वहीं, तमिलनाडु के किसान नेता पी. अय्याकन्नु एलान कर चुके हैं कि तमिलनाडु के 111 किसान मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे.