उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान सांप्रदायिकता से जुड़े बयान की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. योगी ने ‘अली’ और ‘बजरंग बली’ से जुड़ा बयान दिया था, जबकि मायावती ने मुस्लिम मतदाताओं से एक पार्टी विशेष को वोट नहीं देने की अपील की थी.
नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती को सांप्रदायिक बयान देने के कारण अलग-अलग अवधि के लिए चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है.
आयोग ने सोमवार को इस बारे में आदेश जारी कर योगी को मंगलवार (16 अप्रैल) को सुबह छह बजे से अगले 72 घंटे तक और मायावती को 16 अप्रैल सुबह छह बजे से अगले 48 घंटे तक किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेने से रोक दिया है.
आयोग ने दोनों नेताओं के ख़िलाफ़ अलग-अलग आदेश जारी कर दोनों नेताओं के ख़िलाफ़ चुनाव प्रचार के दौरान सांप्रदायिकता से जुड़े बयान देने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुये यह कार्रवाई की.
चुनाव आयोग के प्रधान सचिव अनुज जयपुरिया द्वारा जारी आदेश में योगी और मायावती को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों नेता इस अवधि में किसी भी जनसभा, पदयात्रा और रोड शो आदि में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. इतना ही नहीं वह प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में साक्षात्कार भी नहीं दे सकेंगे.
मायावती को उत्तर प्रदेश के देवबंद में एक जनसभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से एक पार्टी को वोट नहीं देने की अपील करने पर आयोग ने चुनाव आचार संहिता का दोषी पाया था जबकि योगी को मेरठ में एक जनसभा में ‘अली’ और ‘बजरंग बली’ से जुड़े विवादित बयान देने के कारण आचार संहिता का दोषी करार देते हुए भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने की चेतावनी जारी की थी.
उल्लेखनीय है कि दूसरे चरण के लिए 18 अप्रैल को होने वाले मतदान के मद्देनजर 16 अप्रैल को शाम पांच बजे से प्रचार अभियान थम जायेगा.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान मायावती और योगी आदित्यनाथ के कथित रूप से विद्वेष फैलाने वाले भाषणों का सोमवार को संज्ञान लिया और चुनाव आयोग से जानना चाहा कि उसने इनके खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई की है. इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई का ऐलान किया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)