रिलायंस इन्फ्राटेल पर 230 करोड़ का भुगतान न करने का आरोप, एनसीएलएटी ने अनिल अंबानी से मांगा जवाब

एचएसबीसी डेजी कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण में रिलायंस ग्रुप की कंपनी के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की है.

अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)

एचएसबीसी डेजी कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण में रिलायंस ग्रुप की कंपनी के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की है.

अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)
अनिल अंबानी (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी से अल्पांश शेयरधारकों (माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स) द्वारा दायर अवमानना याचिका पर दस दिन में जवाब मांगा है.

रिलायंस समूह की एक कंपनी द्वारा कथित रूप से बकाये का भुगतान नहीं करने के लिए अल्पांश शेयरधारकों ने अंबानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ यह याचिका दायर की थी.

एनसीएलएटी के चेयरमैन जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह एचएसबीसी डेजी इन्वेस्टमेंट्स (मारीशस) और कंपनी के कुछ अन्य अल्पांश शेयरधारकों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर अंबानी का जवाब सुनना चाहते हैं.

समूह की कंपनी रिलायंस इन्फ्राटेल द्वारा भुगतान के लिए किए गए वादे को पूरा नहीं करने के लिए यह याचिका दायर की गई है. पीठ ने अंबानी को इसका जवाब देने के लिए दस दिन का समय दिया है.

उसके बाद याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. एनसीएलएटी ने इस मामले को 20 मई, 2019 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.

रिलायंस इन्फ्राटेल द्वारा कथित रूप से 230 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक को लेकर एचएसबीसी डेजी ने अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की थी.

सुनवाई के दौरान एचएसबीसी की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि एनसीएलएटी ने 29 जून, 2018 को जो आदेश पारित किया था, वह 230 करोड़ रुपये के भुगतान के संबंध में पक्षों की ओर वचन था और इसे पूरा नहीं करना अदालत की अवमानना का मामला है.

मालूम हो कि इससे पहले अनिल अंबनी को एरिक्सन इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी पाया था. अदालत ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद स्वीडन की दूरसंचार कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये नहीं चुकाने का आरोपी पाया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)