कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल

प्रियंका चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी की शिकायत की थी. इस कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद पार्टी ने उन्हें फिर से बहाल कर दिया था, जिससे प्रियंका नाराज़ थीं.

उद्धव ठाकरे के साथ प्रियंका चतुर्वेदी. (फोटो साभार: एएनआई)

प्रियंका चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी की शिकायत की थी. इस कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद पार्टी ने उन्हें फिर से बहाल कर दिया था, जिससे प्रियंका नाराज़ थीं.

उद्धव ठाकरे के साथ प्रियंका चतुर्वेदी. (फोटो साभार: एएनआई)
उद्धव ठाकरे के साथ प्रियंका चतुर्वेदी. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्लीः मथुरा में अपने साथ कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त किए जाने से नाराज चल रहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी की मीडिया सेल की संयोजक प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी के प्रवक्ता होने का उल्लेख हटा दिया है. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद वह शिवसेना में शामिल हो गईं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री में शुक्रवार को प्रियंका चतुर्वेदी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.

मथुरा प्रकरण को लेकर बीते 17 अप्रैल को खुलकर नाराजगी जताने वाली प्रियंका ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

प्रियंका ने इस्तीफे के बाद ट्वीट कर कहा, ‘पिछले तीन दिनों से मुझे देशभर से जो समर्थन मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं. इस सफर का हिस्सा रहे सभी लोगों का धन्यवाद.’

प्रियंका ने अपने त्यागपत्र में कहा, ‘मैं दस साल पहले युवा कांग्रेस के सदस्य के तौर पर कांग्रेस में शामिल हुई थी, क्योंकि मुझे पार्टी की विचारधारा और आपकी (राहुल गांधी की) समावेशी, उदारवादी एवं प्रगतिशील राजनीति में विश्वास था. इन दस वर्षों में मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई, उसका मैंने पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता से निर्वहन किया.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी से कुछ इनाम या रिटर्न नहीं मांगा क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि पार्टी नेतृत्व मेरी आकांक्षाओं का ख्याल रखेगा. पिछले कुछ सप्ताह में ऐसी चीजें हुईं जिनसे मुझे इसका एहसास हो गया कि संगठन को मेरी सेवा का कोई मूल्य नहीं है. मुझे यह भी लगा कि मैं जितना समय संगठन में रहूंगी, मुझे उतना अपने आत्मसम्मान और स्वाभिमान की कीमत चुकानी पड़ेगी.’

उन्होंने मथुरा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी ने चीजों की जिस तरह से उपेक्षा की उससे स्पष्ट हो गया है कि अब मुझे कांग्रेस के बाहर जाना होगा.

प्रियंका ने यह भी कहा कि वह राहुल गांधी, उनका उत्साहवर्धन करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान करती हैं. इससे पहले मथुरा में कथित तौर पर बदसलूकी करने वाले कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में वापस लिए जाने पर प्रियंका ने खुलकर विरोध दर्ज कराया था.

उन्होंने बीते 17 अप्रैल को ट्वीट कर कहा था, ‘बड़े दुख की बात है कि पार्टी खून-पसीना देकर काम करने वालों की बजाय मारपीट करने वाले गुंडों को अधिक वरीयता देती है. पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.’

दरअसल, पिछले दिनों प्रियंका राफेल मामले पर संवाददाता सम्मेलन करने के लिए मथुरा में थीं, जहां पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी की थी. उनकी शिकायत पर इन कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.

बाद में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कार्यकर्ताओं द्वारा खेद प्रकट करने के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त किया जा रहा है.

सूत्रों का कहना है कि प्रियंका मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रही थीं, लेकिन टिकट नहीं मिलने से भी नाराज थीं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)