मालेगांव धमाके में बेटा खोने वाले शख़्स ने प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की

मालेगांव बम धमाके में बेटा खोने वाले निसार अहमद सईद बिलाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दाख़िल की याचिका. धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भाजपा ने मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव मैदान में उतारा है.

Surat: Sadhvi Pragya Singh Thakur during a roadshow at an event in Surat on Tuesday. PTI Photo(PTI4_24_2018_000059B)
प्रज्ञा सिंह ठाकुर. (फोटो पीटीआई)

मालेगांव बम धमाके में बेटा खोने वाले निसार अहमद सईद बिलाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दाख़िल की याचिका. धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भाजपा ने मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव मैदान में उतारा है.

Surat: Sadhvi Pragya Singh Thakur during a roadshow at an event in Surat on Tuesday. PTI Photo(PTI4_24_2018_000059B)
प्रज्ञा सिंह ठाकुर. (फोटो पीटीआई)

मुंबई: मालेगांव बम धमाके में जान गंवाने वाले सईद अजहर के पिता निसार अहमद सईद बिलाल ने मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में गुरुवार को याचिका दायर कर प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 2008 के मालेगांव बम धामाके में मारे गए छह लोगों में से एक के पिता ने कहा है कि इस मामले में आरोपित प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोका जाए.

इस पर सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश वीएस पाडलकर ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर को याचिका पर जवाब देने को कहा है.

गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बीते 17 अप्रैल को आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गईं. भाजपा उन्हें मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा रही है जहां से कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उम्मीदवार हैं.

निसार अहमद सईद बिलाल ने पिछले साल प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दिए जाने के फैसले का भी विरोध किया था.

वकील शाहिद नदीम के माध्यम से दायर याचिका में निसार अहमद ने कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर को 25 अप्रैल, 2017 को यह स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत दे दी गई थी. जबकि वह भंयकर गर्मी के मौसम में चुनाव लड़ने योग्य स्वस्थ है. उन्होंने अदालत को गुमराह किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह आठ साल से ज्यादा समय से हिरासत में थीं. जमानत याचिका के साथ उनके मेडिकल प्रमाण-पत्र को भी पेश किया गया था, जिसमें वह स्तन कैंसर से पीड़ित थीं.

कोर्ट ने कहा था कि अपीलकर्ता (ठाकुर) की मेडिकल रिपोर्ट बताती है कि वह बहुत कमजोर हो गई हैं. बिना सहारे के चल फिर नहीं सकती. प्रमाण-पत्र के मुताबिक उनका इलाज आयुर्वेदिक अस्पताल में चल रहा है. इसलिए कैंसर से पीड़ित अपीलकर्ता को आयुर्वेदिक अस्पताल में उचित उपचार दिया जाए.

अदालत अपने आदेश में कहा था कि इस मामले की तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता को देखते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी जाए.

कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों में से एक शर्त यह था कि वह सुनवाई के दौरान विशेष अदालत में जरूर उपस्थित हों.

निसार अहमद ने कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर को जमानत इस शर्त पर दी गई थी कि वह सुनवाई में हिस्सा लेंगी, लेकिन अपने आपको अस्वस्थ और स्तन कैंसर से पीड़ित बताकर सुनवाई में हिस्सा नहीं ले रही हैं.

इससे पहले गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने चुनाव आयोग में प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में तहसीन पूनावाला ने प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की थी. हालांकि चुनाव आयोग ने पूनावाला की शिकायत को खारिज कर दिया.

चुनाव आयोग ने कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर किसी भी मामले में दोषी नहीं हैं. उन पर कोई भी दोष साबित नहीं हुआ है.

मालूम हो कि प्रज्ञा ठाकुर पर मालेगांव बम धमाके का आरोप है. उनके अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और छह अन्य आरोपी हैं.

नासिक जिले के मालेगांव में भिकू चौक के निकट 29 सितंबर 2008 को हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 101 से अधिक घायल हो गए थे. वह फिलहाल इस मामले में ज़मानत पर बाहर हैं.