उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से मुक़ाबला करते हुए शहीद हो गए और उनकी शहादत का अपमान करना शर्मनाक है.

गोरखपुर: गोरखपुर से भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान को राजद्रोह करार दिया है.
अग्रवाल ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से मुक़ाबला करते हुए शहीद हो गए और उनकी शहादत का अपमान करना न सिर्फ़ शर्मनाक बल्कि राजद्रोह भी है.
इस बारे में शनिवार को पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘हां, मैंने यह ट्वीट किया है और मैं अपने बयान पर कायम हूं. हेमंत करकरे भारत के महान शहीद और बेहतरीन पुलिस अधिकारी थे.’
चलिये अच्छा रहा ,प्रज्ञा ठाकुर ने न सिर्फ अपना बयान वापस ले लिया बल्कि माफी भी मांगी ,भले ही उन्होंने ऐसा हाई कमान के आदेश पर किया हो । https://t.co/9UZJXmN6ES
— Dr.Radha mohan das agrawal (@AgrawalRMD) April 20, 2019
इस सवाल पर कि प्रज्ञा को भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा ने ही उम्मीदवार बनाया है, सिंह ने कहा कि पार्टी पहले ही प्रज्ञा के बयान से ख़ुद को अलग कर चुकी है. प्रज्ञा का बयान पार्टी का बयान नहीं है. इसी वजह से उन्होंने माफी भी मांगी है.
गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई हमलों के दौरान शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के ख़िलाफ़ विवादित बयान देते हुए कहा था कि मालेगांव बम धमाके के मामले में गिरफ्तारी के बाद करकरे ने उन्हें यातनाएं दी थीं और उनके शाप की ही वजह से आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था, ‘हेमंत करकरे को उन्होंने मुंबई बुलाया. मैं मुंबई जेल में थी उस समय. जांच जो बिठाई थी, तो सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वी जी को छोड़ दो. सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैर-कानूनी है. वह व्यक्ति कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर के आऊंगा. कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा, करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.’
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था, ‘यह उसकी कुटिलता थी. यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था. तमाम सारे प्रश्न करता था. ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा मुझे क्या पता भगवान जाने. तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा. मैंने कहा बिल्कुल अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए. आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी. लेकिन मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा.’
इस बयान का कड़ा विरोध होने के बाद प्रज्ञा ने माफी मांग ली थी. प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था, ‘मुझे लगा कि मेरे बयान से देश के दुश्मनों को लाभ मिल रहा है, इसलिए मैं अपना बयान वापस लेती हूं और इसके लिए माफी मांगती हूं. यह मेरा निजी दुख था.’
उन्होंने कहा, ‘वह (करकरे) दुश्मन देश से आए आतंकवादियों की गोली से मारे गए, वह निश्चित तौर पर शहीद हैं.’
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के माफी मांगने के बाद राधा मोहन दास अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा है, चलिये अच्छा रहा, प्रज्ञा ठाकुर ने न सिर्फ अपना बयान वापस ले लिया बल्कि माफी भी मांगी, भले ही उन्होंने ऐसा हाई कमान के आदेश पर किया हो.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)