राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान से 6.5 करोड़ साल पुराने डायनासोर के अंडे चोरी: आरटीआई

मध्य प्रदेश के धार ज़िले में स्थित राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान से पिछले साल 16 सितंबर को अज्ञात नाबालिगों ने अंडे चुनाए थे. इससे पहले साल 2014 में राज्य के मांडू शहर स्थित डायनासोर जीवाश्म संग्रहालय से भी तीन जीवाश्मीकृत अंडे चोरी हो चुके हैं.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

मध्य प्रदेश के धार ज़िले में स्थित राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान से पिछले साल 16 सितंबर को अज्ञात नाबालिगों ने अंडे चुनाए थे. इससे पहले साल 2014 में राज्य के मांडू शहर स्थित डायनासोर जीवाश्म संग्रहालय से भी तीन जीवाश्मीकृत अंडे चोरी हो चुके हैं.

(फाइल फोटो: रॉयटर्स)
(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

इंदौर: मध्य प्रदेश के धार जिले के बाग की मशहूर बौद्ध गुफाओं के पास करीब 90 हेक्टेयर पर बन रहे राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान से कुछ नाबालिगों ने इस विलुप्त जीव के जीवाश्मीकृत अंडे चुरा लिए.

यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) से पता चली है. जानकारी के मुताबिक, अंडों के ये जीवाश्म लगभग 6.5 करोड़ साल पुराने हैं.

मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को बताया कि सूचना के अधिकार के तहत वन विभाग द्वारा उन्हें मुहैया कराए दस्तावेजों में राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान से अंडों की चोरी की सात महीने पुरानी वारदात का विस्तृत खुलासा है.

यह उद्यान बाग क्षेत्र के पाडल्या गांव में वन विभाग की ही देखरेख में विकसित किया जा रहा है.

आरटीआई के तहत साझा किए गए दस्तावेजों में बाग के वन परिक्षेत्र अधिकारी (रेंजर) का 17 सितंबर 2018 को लिखा सरकारी पत्र शामिल है, जिसमें धार जिले के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) को डायनासोर जीवाश्म चोरी की रिपोर्ट भेजी गई है.

इस पत्र में डीएफओ को बताया गया, ‘16 सितंबर 2018 को दोपहर 12 बजे के आसपास कुछ अज्ञात नाबालिगों द्वारा पाडल्या (बाग) के राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर वहां रखे बेशकीमती जीवाश्मों को तोड़ा गया और वे कुछ जीवाश्मों (डायनासोर के अंडे) को चुराकर अपने साथ ले भी गए.’

पत्र में बताया गया कि राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान में अंडों की चोरी की इस वारदात के वक्त वहां के कर्मचारी और चौकीदार पौधों को टैंकर से पानी दे रहे थे.

पत्र के मुताबिक, जैसे ही इन कर्मचारियों को घटना का पता चला, सभी कर्मचारी मौके पर पहुंचे लेकिन इन्हें देखकर सभी नाबालिग वहां से भाग गए. भागते बच्चों के फोटोग्राफ कर्मचारियों द्वारा लिए गए हैं, जिनके आधार पर उनकी तलाश की जा रही है.

इस घटना की सूचना पुलिस को भी दी गयी है. पुलिस द्वारा भी इन लोगों की तलाश की जा रही है.

धार जिले में डायनासोर जीवाश्मों की चोरी की यह कोई पहली घटना नहीं है. बाग के राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान से करीब 140 किलोमीटर दूर मशहूर पर्यटन स्थल मांडू के पास बनाए गए डायनासोर जीवाश्म संग्रहालय ‘अश्मधा’ से भी जनवरी 2014 में तीन जीवाश्मीकृत अंडे चोरी हो चुके हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, वारदात के पांच साल गुजर जाने के बावजूद जीवाश्म चोरों का अब तक पता नहीं चल सका है.

गैर सरकारी खोजकर्ताओं के समूह ‘मंगल पंचायतन परिषद’ ने वर्ष 2007 में पहली बार बाग क्षेत्र में डायनासोर के अंडे खोजे थे.

परिषद के प्रमुख विशाल वर्मा ने बताया, ‘हमने गुजरे 12 साल के दौरान बाग क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में डायनासोर के 65 जीवाश्मीकृत घोंसले खोज निकाले हैं. इनमें डायनासोर के करीब 6.5 करोड़ साल पुराने 200 से ज्यादा अंडे मिले हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)