मीडिया में आई रिपोर्ट के आधार पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने डीजी पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद पुलिस द्वारा जब्त की गई लाखों लीटर देसी-विदेशी शराब थानों के मालखानों से गायब हो गई है. खबर यह भी है कि जब्त करीब 9 लाख लीटर से अधिक की शराब चूहे गटक गए.
मीडिया में आई रिपोर्ट के आधार पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. एडीजी (मुख्यालय) एस के सिंघल ने बताया कि पटना क्षेत्र के डीजी पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 13 महीने के दौरान 9.15 लाख लीटर अल्कोहल, देशी और विदेशी शराब जब्त की गई. पुलिस क्राईम मीटिंग के दौरान यह बात सामने आई कि इसमें से एक बड़ा हिस्सा पुलिस थाना लाने के क्रम में बर्बाद हो गया जबकि उतनी ही बड़ी मात्रा को पुलिस मालखाने के चूहे हज़म कर गए.
पटना क्षेत्र के आईजी नय्यर हसनैन खान ने बताया कि उन्होंने पटना के एसएसपी को पुलिस मालखाने से इसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. बिहार में करीब 1,053 पुलिस थाने हैं.
इस बीच पुलिस ने बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष और एक सदस्य को शराब सेवन करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पुलिस टीम ने एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल सिंह और एक अन्य सदस्य शमशेर सिंह को पुलिस लाइन में शराब पीते गिरफ्तार कर लिया.
दोनों को उत्पाद विभाग के विशेष न्यायाधीश रविंद्र नाथ त्रिपाठी के समक्ष पेश किया गया और उन्हें नए मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के तहत आगामी 18 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया.
उल्लेखनीय है कि नीतीश सरकार ने पिछले वर्ष अप्रैल महीने से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी और इसे लागू करने के लिए पुलिस व मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया गया है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘नीतीश कुमार के शराबबंदी फैसले का सबसे ज्यादा फायदा बिहार पुलिस स्टेशन के चूहों को हुआ.’
Biggest beneficiaries of Nitish's prohibition policy have been Rats in Bihar Police Stations. Cheers to the Bihar Police Rats !
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 4, 2017
(एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )