मालेगांव धमाके की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी भोपाल से नामांकन दाख़िल किया. डमी उम्मीदवार को लेकर मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कहीं आधिकारिक उम्मीदवार का नामांकन किसी तकनीकी या क़ानूनी वजहों से रद्द होता है तो पार्टी के पास विकल्प मौजूद हो.
भोपाल: मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद आलोक संजर ने पार्टी के डमी उम्मीदवार के रूप में मंगलवार को नामांकन-पत्र दाख़िल किया है. इसके अलावा मंगलवार को ही मालेगांव बम धमाकों की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाख़िल किया.
इस बारे में संजर ने बताया, ‘भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर मैंने आज भोपाल लोकसभा सीट से नामांकन-पत्र भरा है. मैं पार्टी नेतृत्व के सभी दिशानिर्देशों का पालन करूंगा.’
उन्होंने दावा किया, ‘मुझे विश्वास है कि बहन प्रज्ञा बड़े अंतर से यह चुनाव जीतेंगी.’
बताया जा रहा है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा लगातार दिए जा रहे बयानों और उस पर चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस को देखते हुए भाजपा ने आलोक संजर से डमी उम्मीदवार के तौर पर उनका नामांकन दाख़िल कराया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह एक सामान्य प्रक्रिया है. हर जगह एक या उससे अधिक डमी उम्मीदवार नामांकन दाख़िल करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कहीं आधिकारिक उम्मीदवार का नामांकन किसी तकनीकी या क़ानूनी वजहों से रद्द होता है तो विकल्प के तौर पर पार्टी के पास एक अन्य उम्मीदवार मौजूद हो.’
भोपाल सीट पर कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव मैदान में हैं.
बता दें कि चुनाव आयोग ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के संबंध में दिए बयान को लेकर भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के ख़िलाफ़ बीते 22 अप्रैल को एफआईआर दर्ज किया है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर एक टीवी चैनल से प्रज्ञा ने बीते 20 अप्रैल की शाम को कहा था, ‘राम मंदिर हम बनाएंगे और भव्य बनाएंगे. हम तोड़ने गए थे (बाबरी मस्जिद का) ढांचा. मैंने चढ़कर तोड़ा था ढांचा. मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी. हमने देश का कलंक मिटाया है.’
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था, ‘अयोध्या में ढांचा गिराए जाने का अफसोस क्यों होगा. ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं. हमारे प्रभु राम जी के मंदिर में अपशिष्ट पदार्थ थे हमने उनको हटा दिया.’
इसी संबंध में चुनाव आयोग ने प्रज्ञा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है.
गौरतलब है कि छह दिसंबर 1992 को कारसेवकों द्वारा बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया था, अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है.
इससे पहले चुनाव आयोग ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए महाराष्ट्र एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे के बारे में बीते 18 अप्रैल को दिए गए विवादित बयान पर भी प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
उन्होंने कहा था, ‘मैंने हेमंत करकरे को कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा.’ इस बयान पर विवाद मचने के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने इस पर माफ़ी भी मांग ली थी. उन्होंने कहा था, ‘मेरे बयान से देश के दुश्मनों को लाभ मिल रहा, इसलिए मैं ये बयान वापस ले रही हूं.’
बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाकों के मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रही हैं. इस बहुचर्चित मामले में वह इन दिनों ज़मानत पर चल रही हैं.
प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने की याचिका पर सुनवाई से इनकार
इस बीच विशेष एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लोकसभा चुनाव लड़ने से रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया है.
एनआईए कोर्ट ने कहा है, ‘अदालत के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है कि वह किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोक सके. यह निर्णय करना चुनाव अधिकारियों का काम है. यह कोर्ट आरोपी को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता. इसलिए इस याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती.’
Special NIA Court: In ongoing elections this Court does not have any legal powers to prohibit anyone from contesting elections,It is job of electoral officers to decide. This court can't stop the accused number 1 from contesting elections, this application is negated https://t.co/00zQNRqxME
— ANI (@ANI) April 24, 2019
मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में दलील दी थी कि ख़राब स्वास्थ्य का हवाला देकर प्रज्ञा सिंह ठाकुर कोर्ट की सुनवाई में हाज़िर नहीं हो रही हैं, लेकिन वह चुनाव प्रचार कर रही हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)