केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले अधिकारी मोहम्मद मोहसिन का निलंबन वापस लेने का आदेश दिया. चुनाव आयोग ने निलंबन वापस तो ले लिया है लेकिन अधिकारी की चुनावी ड्यूटी पर रोक लगाते हुए कर्नाटक सरकार से उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है.
नई दिल्ली: बीते दिनों ओडिशा के सम्भलपुर ज़िले में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले आईएएस अधिकारी के निलंबन पर रोक लगा दी गई है.
यह घटना बीते 16 अप्रैल की है. कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन वहां बतौर सामान्य पर्यवेक्षक वहां तैनात थे.
घटना के एक दिन बाद 17 अप्रैल को चुनाव आयोग सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में तैनात आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन को निलंबित कर दिया था. आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया था, जिसकी वजह से उन्हें निलंबित किया गया.
बता दें कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के उद्देश्य से चुनाव आयोग सभी संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में सामान्य पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है. पारदर्शिता और स्थानीय प्रशासन से दूरी सुनिश्चित करने के लिए ये हमेशा राज्य के बाहर के अधिकारी होते हैं.
मोहम्मद मोहसिन के निलंबन पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे. उनका कहना था कि ऐसा कोई नियम नहीं है, जो चुनाव के दौरान ऐसी किसी जांच के नहीं होने की बात कहता हो. कांग्रेस ने कहा था कि वो अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहा था. उसे आखिर क्यों हटाया क्या. आखिर पीएम मोदी अपने हेलीकॉप्टर में ऐसा क्या लेकर जा रहे थे जो देश से छिपाना चाहते थे.
बहरहाल चुनाव आयोग के आईएएस अधिकारी को निलंबिल करने के आदेश पर केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) ने रोक लगा दी है.
मामले में कैट ने चुनाव आयोग के अलावा चार अन्य को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए छह जून की तारीख़ निर्धारित की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कैट की ओर से जारी अंतरिम आदेश के बाद चुनाव आयोग ने आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन के निलंबन को रद्द कर दिया, लेकिन चुनावी ड्यूटी पर रोक लगा दी और कर्नाटक सरकार से उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफ़ारिश की है.
कैट सदस्य (न्यायिक) केबी सुरेश ने कहा है कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी को चुनाव प्रक्रिया के दौरान संरक्षण और सुरक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि वे कुछ भी और सबकुछ करने के हक़दार हैं.
उनके अनुसार, अभी हम एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों के संबंध में गाइडलाइन में नहीं जाना चाहते लेकिन क़ानून का राज होना चाहिए.
एनडीटीवी से बातचीत में आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने कहा है, ‘मैंने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं किया बल्कि उसी के अनुसार कार्रवाई की. मुझे बेवजह सज़ा दी गई और आयोग ने हड़बड़ी में मुझे निलंबित कर दिया. मुझे कोई रिपोर्ट नहीं मिली.’
उन्होंने कहा है कि वो अपनी ड्यूटी कर रहे थे और न्याय के लिए वो कोर्ट जाएंगे.