सामूहिक बलात्कार की घटना की पीड़िता ज्योति सिंह (निर्भया) की मां ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषियों को मौत की सजा देने से वह संतुष्ट हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर 2012 की रात को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना की पीड़िता ज्योति सिंह की मां ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषियों को मौत की सजा देने से वह संतुष्ट हैं.
जब फैसला सुनाया जा रहा था तब खचाखच भरे अदालत कक्ष में ज्योति की मां आशा देवी मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि लंबी कानूनी प्रक्रिया के कारण देरी होने के बावजूद आखिरकार इंसाफ हुआ.
उन्होंने कहा, हम उन सभी का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने मुश्किल वक्त में हमारी मदद की. हमने अपनी बेटी खोई है हालांकि हम संतुष्ट हैं कि अदालत ने उसके गुनाहगारों को मौत की सजा दी.
आशा देवी ने अदालत कक्ष से बाहर आते हुए कहा कि अब से वह और उनके पति अन्य लड़कियों को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे जो अपराधों को शिकार हुई हैं.
एएनआई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘ जो लड़कियों को कहते थे कि तुम्हारा हश्र भी निर्भया की तरह कर दूंगा, निर्भया की तरह मार दूंगा. आज उन्हें भी जवाब मिल गया कि अगर वह किसी के साथ निर्भया की तरह कुछ करेंगे तो निर्भया के दोषियों की तरह उन्हें भी फांसी की सजा मिलेगी.’
आशा अपने पति बद्री सिंह के साथ उस वक्त मौजूद थी जब पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति दीपक मिश्र ने अंग्रेजी में फैसला सुनाया. कुछ वकीलों को उन्हें निर्णय का हिन्दी में अनुवाद बताते हुए देखा गया.
जैसे ही फैसला सुनाया गया, वैसे ही पीड़िता के माता-पिता, वकील और अदालत कक्ष में मौजूद अन्य वादी खड़े हो कर तालियां बजाने लगे.