जेट एयरवेज़ स्टाफ एंड एम्प्लॉइज़ एसोसिएशन ने बताया कि शैलेष सिंह आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे थे क्योंकि परिचालन बंद करने वाले जेट एयरवेज़ ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया था.
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मुंबई: जेट एयरवेज़ के एक वरिष्ठ तकनीशियन ने महाराष्ट्र के पालघर में अवसाद की वजह से कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. कर्मचारी कैंसर से पीड़ित था. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी.
एक अधिकारी ने बताया कि 45 वर्षीय शैलेष सिंह शुक्रवार की शाम में मुंबई के नालासोपारा ईस्ट में स्थित अपनी चार मंज़िला इमारत से छलांग लगा दी.
जेट एयरवेज़ स्टाफ एंड एम्प्लॉइज़ एसोसिएशन ने बताया कि शैलेष सिंह आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे थे क्योंकि परिचालन बंद करने वाले जेट एयरवेज़ ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया था.
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘शैलेष कैंसर से पीड़ित थे और उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी. प्राथमिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि बीमारी की वजह से वह अवसाद में थे.’
एसोसिएशन ने दावा किया कि एयरलाइन द्वारा परिचालन बंद करने के बाद कर्मचारी की आत्महत्या का यह पहला मामला है.
सिंह के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं.
मालूम हो कि बीते 17 अप्रैल को आर्थिक संकट से जूझ रही निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज़ अस्थायी तौर पर बंद हो गई. कंपनी पर 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का क़र्ज़ है.
एयरलाइन ने बैंकों से आपात कोष मांगा था, लेकिन वित्तीय मदद नहीं मिलने के बाद उसके समक्ष परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.
जेट एयरवेज़ का परिचालन बंद करने के फैसले से जहां यात्रियों, एयरलाइन के आपूर्तिकर्ताओं के करोड़ों रुपये फंस गए हैं, वहीं उसके 20 हजार से अधिक कर्मचारियों के समस्या रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है.
बेरोज़गार होने वाले इसमें सैकड़ों पायलट और इंजीनियर भी शामिल हैं, जिन्हें कई महीनों से उनकी तनख्वाह भी नहीं मिल रही थी. तक़रीबन तीन से चार महीनों का वेतन नहीं मिलने की वजह से कंपनी के पायलट समेत दूसरे कर्मचारी कई बार प्रदर्शन कर चुके थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)