आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कोई भी धर्म हत्या करना नहीं सिखाता: हेमंत करकरे की बेटी

हेमंत करकरे की बेटी जुइ नवारे ने कहा कि मेरे पिता ने हमें सिखाया कि आतंकवाद एक विचारधारा है और इसे पराजित करना है. मेरे पिता एक रोल मॉडल हैं और उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाना चाहिए.

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हेमंत करकरे की बेटी जुइ नवारे ने कहा कि मेरे पिता ने हमें सिखाया कि आतंकवाद एक विचारधारा है और इसे पराजित करना है. मेरे पिता एक रोल मॉडल हैं और उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाना चाहिए.

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नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में हेमंत करकरे शहीद हुए थे.

नई दिल्ली: 2008 मालेगांव बम धमाके की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के बारे में कही गई बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी बेटी जुइ नवारे ने कहा कि मेरे पिता कहा करते थे कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है और कोई भी धर्म हत्या करना नहीं सिखाता है.

ठाकुर ने कहा था कि महाराष्ट्र की आतंकवाद निरोधक शाखा (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे की मौत इसलिए हुई थी क्योंकि उन्होंने श्राप दिया था कि उनका सर्वनाश होगा. बाद में विरोध के चलते प्रज्ञा ठाकुर को अपने बयान पर माफी मांगना पड़ा था.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जुइ नवारे ने कहा, ‘मैंने सोशल मीडिया पर प्रज्ञा ठाकुर के बयानों को देखा था. मैंने कई लोगों की प्रतिक्रिया भी पढ़ी. चूंकि हेमंत करकरे मेरे पिता हैं इसकी वजह से नहीं, बल्कि शहीदों का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए.’

हेमंत करकरे (फाइल फोटो: रॉयटर्स)
हेमंत करकरे को श्रद्धांजली देती हुईं उनकी पत्नी कविता करकरे. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नवारे ने आगे कहा, ‘वह एक सीधे-सादे व्यक्ति थे. चाहे नशीली दवाओं के उपयोग को खत्म करने या नक्सलियों से लड़ने मामला हो, वे जमीनी स्तर के दृष्टिकोण में विश्वास करते थे. नक्सलवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई में, उनका मानना था कि गोलियों से समस्या कभी खत्म नहीं होगी. उन्होंने हमें सिखाया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है. कोई भी धर्म किसी को भी एक-दूसरे को मारना नहीं सिखाता है. यह एक विचारधारा है जिसे पराजित करना है.

उन्होंने आगे कहा, ‘पुलिस में अपने जीवन के 24 साल के करियर में, उन्होंने सभी की मदद की. यहां तक कि अपनी मृत्यु में भी वह अपने शहर, अपने देश को बचाने की कोशिश करते रहे. वे अपनी वर्दी से प्यार करते थे. अपनी वर्दी को हम लोगों और अपने जीवन से ज्यादा महत्व देते थे. मैं बस इतना चाहती हूं कि हर कोई इसे याद रखे.’

हेमंत करकरे की बेटी जुइ नवारे ने कहा कि मैं प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती. मैं उन्हें या उनके बयानों का सत्कार नहीं करना चाहती. मैं केवल हेमंत करकरे के बारे में बात करना चाहती हूं. वो एक रोल मॉडल की तरह हैं और उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाना चाहिए.