50 किसानों के बाद, तीन तेलुगू कार्यकर्ता भी मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव

कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे इसलिए वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं ताकि फ्लोरोसिस से प्रभावित उनके ज़िले पर राष्ट्रव्यापी चर्चा हो और लोगों का इस पर ध्यान जाए.

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बीते 25 अप्रैल को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया. (फोटो साभार: ट्विटर)

कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे इसलिए वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं ताकि फ्लोरोसिस से प्रभावित उनके ज़िले पर राष्ट्रव्यापी चर्चा हो और लोगों का इस पर ध्यान जाए.

बीते 25 अप्रैल को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया. (फोटो साभार: ट्विटर)
बीते 25 अप्रैल को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया. (फोटो साभार: ट्विटर)

वाराणसी: तेलंगाना के निजामाबाद और तमिलनाडु के इरोडे के हल्दी किसानों के नक्शे कदम पर चलते हुए तीन तेलुगू कार्यकर्ताओं ने भी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का निर्णय किया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में कनिगिरी के बोटलागुदुरु गांव के वाड्डे श्रीनिवास और कोल्लूरी रविकिरन शर्मा और तेलंगाना के नलगोंडा जिले से उनके दोस्त जालागाम सुधीर ने शुक्रवार को वाराणसी में नामांकन दाखिल किया. वाड्डे श्रीनिवास और कोल्लूरी रविकिरन, पुला सुब्बैया वेलिगोंडा परियोजना साधना समिति के प्रतिनिधि हैं.

श्रीनिवास और शर्मा वेलिगोंडा सिंचाई परियोजना के शीघ्र पूर्ण होने के लिए लड़ रहे हैं, जो जिले में फ्लोरोसिस के अस्थि-क्षय रोग को कम करेगा. दूसरी ओर, सुधीर नलगोंडा जिले में फ्लोरोसिस विरोधी आंदोलन के एक कार्यकर्ता हैं.

श्रीनिवास ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने का हमारा उद्देश्य केवल फ्लोरोसिस पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा/विमर्श पैदा करना है, जो प्रकाशम और नलगोंडा जिलों में हजारों लोगों के जीवन को बर्बाद कर रहा है.’

उन्होंने कहा कि 5 मार्च 1996 को अपने पहले कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा एक परियोजना की नींव रखी गई थी, जिसे पांच साल में पूरा किया जाना था, लेकिन यह अभी भी अधूरी है.

उन्होंने कहा, ‘इस परियोजना का उद्देश्य प्रकाशम, नेल्लोर और कडप्पा जिलों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के अलावा लगभग 4.47 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई करना है, जिससे लोगों को फ्लोराइड की समस्या से निजात मिलेगी.’

श्रीनिवास ने कहा कि एसोसिएशन के माध्यम से उन्होंने इस मुद्दे को सभी राजनीतिक दलों के ध्यान में लाने की कोशिश की लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. इसलिए, हमने सोचा कि वाराणसी में चुनाव लड़कर हम देश के लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित कर सकते हैं.

इस बीच, तेलंगाना हल्दी किसान संघ की अगुवाई में निजामाबाद के लगभग 50 किसान शनिवार को वाराणसी पहुंचे और अपना नामांकन फॉर्म लिया.

किसान संघ के नेता नरसिम्हम नायडू ने कहा, ‘हम नामांकन के लिए प्रस्तावकों की तलाश कर रहे हैं. लेकिन स्थानीय खुफिया पुलिस हमारा पीछा कर रही है और हमारे प्रस्तावकों को धमकी दे रही है.’

नायडू ने आगे कहा, ‘तमिलनाडु में भी पुलिस ने गुरुवार को किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के बाद शुक्रवार को उन्हें रिहा कर दिया.’