महिलाओं के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां करने से बचें पार्टियां: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग का यह दिशानिर्देश समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा रामपुर में भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा पर की गई टिप्पणी के बाद आया है.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

चुनाव आयोग का यह दिशानिर्देश समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान द्वारा रामपुर में भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा पर की गई टिप्पणी के बाद आया है.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं के ख़िलाफ़ हालिया अपमानजनक टिप्पणियों पर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को दिशानिर्देश जारी किए हैं. दिशानिर्देश में आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा है कि वे अपने नेताओं को महिलाओं के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां न करने की सलाह दें.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, चुनाव आयोग का यह दिशानिर्देश समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान द्वारा रामपुर में भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा पर की गई टिप्पणी के बाद आया है.

इससे पहले इस मामले में कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने आज़म ख़ान के चुनाव प्रचार करने पर तीन दिन की रोक लगा दी थी.

हालांकि खान के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई कोई खास प्रभाव नहीं दिखाई दिया. इसके बाद भाजपा नेता महादेव सरकार ने 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की विधायक और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ आपत्तिजनक और लैंगिक टिप्पणी की. इसके बाद सरकार के भी चुनाव प्रचार करने पर दो दिन का प्रतिबंध लगा दिया गया.

हाल ही में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं के ख़िलाफ़ की जाने वाली अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर एक पत्र लिखा था.

इस पत्र में मालिवाल ने आयोग ने मांग की थी कि वह चुनाव आचार संहिता में तत्काल एक ऐसा प्रावधान बनाए जो यह सुनिश्चित करे कि कोई भी दल या व्यक्ति लिंग के आधार पर ऐसी टिप्पणी करके न बच निकलस जाए जो कि महिलाओं के सम्मान को नुकसान पहुंचाती हो.

सोमवार को सभी राजनीतिक दलों को मिल चुनाव आयोग के निर्देश में कहा गया, ‘यह आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि कुछ राजनीतिक नेता महिलाओं के खिलाफ विभिन्न अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. इस संबंध में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों एवं महासचिवों का ध्यान आकर्षित किया जाता है. सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी टिप्पणियों से बचें जो कि महिलाओं के मान-सम्मान को कम करता हो.’

इस निर्देश में आगे कहा गया, ‘सभी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ सदस्यों से निवेदन किया जाता है कि वे इस संबंध में अपने सदस्यों को संवेदनशील बनाएं.’