सेना में 23 साल काम कर चुके और एनएसडीसी में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर तैनात रहे अजय कुमार ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा अपने एक ख़ास व्यक्ति के स्किल सेंटर को नियमों के ख़िलाफ़ जाकर मान्यता देने से मना करने पर मंत्री ने उन्हें अपमानित करते हुए नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया.
नई दिल्ली: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा एक पूर्व आर्मी अफसर को गाली देने और उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करने के आरोप पर राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने जवाब दिया है.
एनएसडीसी द्वारा भेजे गए जवाब में कहा गया है कि यह आधारहीन आरोप सिर्फ व्यक्तियों और एक प्रतिष्ठित संस्थान को बदनाम करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं.
एनएसडीसी ने लिखा, ‘हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि संबंधित व्यक्ति पर लापरवाही के गंभीर आरोप थे, जिसकी वजह से एनएसडीसी का वरिष्ठ प्रबंधन काफी चिंतित था. लेकिन कर्मचारी ने पेशेवर सलाह को स्वीकार न करते हुए खुद ही इस्तीफा देने का फैसला किया.’
संस्था ने कहा कि एनएसडीसी देश के ‘स्किल इंडिया’ मिशन को चलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए, हम समय-समय पर परियोजनाओं और कर्मचारियों की समीक्षा करते हैं.
एनएसडीसी ने कहा, ‘अगर कोई कर्मचारी असंतुष्ट है तो उनकी समस्याओं का हल निकालने की कोशिश की जाती है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व कर्मचारी ने इनमें से किसी का भी लाभ नहीं उठाया.’
बता दें कि सेना में 23 साल काम कर चुके और एनएसडीसी में वरिष्ठ स्तर के अधिकारी के पद पर तैनात रहे अजय कुमार ने आरोप लगाया था कि जब धर्मेंद्र प्रधान ने अपने एक खास व्यक्ति को स्किल सेंटर की मान्यता देने के लिए कहा तो उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए मना कर दिया. इसकी वजह से मंत्री ने गाली दी और नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया.
कुमार ने सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा कि उन्होंने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इसलिए जॉइन किया क्योंकि वे देश के लिए कुछ करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने अच्छी सैलरी वाली नौकरी का प्रस्ताव छोड़ कर कम सैलरी वाले काम पर आए.
कुमार का आरोप है कि इस्तीफा देने के लिए लीगल टीम की तरफ से धमकियां दी गईं. उनके परिवार को देख लेने की धमकियां मिलीं. बाद में प्रधानमंत्री कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने अजय कुमार को बुलाया और कहा कि इस्तीफा देना होगा.
इसके बाद अजय कुमार ने 31 जुलाई 2018 को अपना इस्तीफा दे दिया. कुमार ने अपने लंबे पोस्ट में इस घटना के अलावा कौशल विकास विभाग में चल रहीं अनियमितताओं के बारे में भी लिखा है.
कुमार ने लिखा कि स्किल इंडिया छोड़ने के बाद उन्हें चार नौकरियों के प्रस्ताव मिले. हर जगह उन्होंने छोड़ने का सही कारण बताया कि मंत्री ने गाली दी और जबरन इस्तीफा लिया. यह सुनकर उन कंपनियों को नौकरी देने की हिम्मत नहीं हुई. उन्होंने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया.
एनएसडीसी के जवाब के बाद अजय कुमार ने अपनी पोस्ट में जवाब को जोड़ते हुए सवाल किया है कि क्या एनएसडीसी उनके द्वारा की गयी गंभीर लापरवाही का कोई एक उदाहरण दे सकती है.